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पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व के डबल गेम पर भड़का चीन, जिनपिंग ने रद्द कर दी यात्रा, जनरल मुनीर को चालबाजी पड़ेगी भारी

इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व के डबल गेम पर चीन भड़का हुआ है। इसकी वजह इलाके में मिलने वाले कोबाल्ट जैसे रणनीतिक खनिज हैं, जिनके लिए लड़ाई तेज हो रही है। रक्षा और उच्च तकनीकी उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण खनिज अब चीन और अमेरिका जैसी शक्तियों के बीच प्रतिद्वंद्विता का केंद्र बन रहा है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूख्वा प्रांत में इन दुर्लभ खनिजों का भंडार है, लेकिन पाकिस्तानी सेना इसे ग्रेट गेम का जरिया बना रही है। चीन लंबे समय से इस इलाके में खनन कर रहा है, लेकिन अब पाकिस्तानी जनरल इसके जरिए अब बीजिंग को डबल क्रॉस करने की कोशिश कर रहे है, जिस पर चीन नाराज है।

पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व इन रणनीतिक खनिजों के गेम में अमेरिका को भी शामिल करना चाहता है। इस पर चीन तिलमिला गया है। पाकिस्तान के पूर्व सैन्य अधिकारी आदिल रजा ने सीनियर पत्रकार शाहीन सेहबाई के हवाले से बताया है कि चीन की नाराजगी का आलम है कि चीनी राष्ट्रपति और प्रीमियर समेत संभावित उच्च स्तरीय चीनी दौरे को रद्द कर दिया गया है। बीजिंग ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर पाकिस्तानी सेना खनिज तक वॉशिंगटन के साथ नजदीकी बनाती है, तो पाकिस्तान पहले अपना अरबों डॉलर का कर्ज चुकाए।

पाकिस्तान के अंदर होगी जंग

सेहबाई का कहना है कि केपी के खनिजों को अमेरिका को सौंपने से न केवल चीन नाराज होगा, बल्कि पहले से ही हिंसा का शिकार क्षेत्र और अस्थिरता की चपेट में आएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यूरेनियम का कोबाल्ट को निकालने की योजना बडी हिंसा को लाएगी, क्योंकि स्थानीय समूह इसका भयंकर प्रतिरोध करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह युद्ध होगा।

बलूचिस्तान की तरह न हो जाए हाल

पाकिस्तान का एक प्रांत बलूचिस्तान पहले ही बाहरी शक्तियों के कब्जे के खेल में पिस रहा है। दशकों से बलूचिस्तान के रणनीतिक खनिजों के दोहन के लिए पाकिस्तानी सेना बलूचों का खून बहा रही है, जिसके परिणामस्वरूप विद्रोह शुरू हो गया है। बलूचिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के निर्माण और वहां तक पहुंच के लिए चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कोरिडोर का निर्माण कर रहा है। इसके लिए चीन ने 62 अरब डॉलर लगा रखा है, लेकिन बलूचिस्तान में विद्रोह के चलते अब बीजिंग को अपना निवेश डूबता नजर आ रहा है।

 

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