उत्तर प्रदेश में राहिंग्या को अवैध ढंग से बसाने के साथ-साथ रोहिंग्या महिलाओं की तस्करी भी की जा रही है। कई रोहिंग्या महिलाओं का भारतीय पासपोर्ट बनवाकर उन्हें हवाई जहाज से मलेशिया तक भेजा गया है। आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने मेरठ से इस नेटवर्क का संचालन कर रहे सरगना हाफिज शफीक समेत चार रोहिंग्या को गिरफ्तार किया है, जिससे पूछताछ में कई और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि अब तक की छानबीन में तीन रोहिंग्या महिलाओं को मलेशिया भेजे जाने की पुष्टि हुई है। रोहिंग्या को यहां फर्जी दस्तावेजों के जरिये भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र व अन्य सरकारी दस्तावेज उपलब्ध कराने वालों की छानबीन भी तेज कर दी गई है।आइजी एटीएस जीके गोस्वामी के अनुसार मूलरूप से म्यामार निवासी हाफिज शफीक उर्फ शबीउल्लाह, अजीजुर्रहमान उर्फ अजीज, उसके भाई मुफीजुर्रहमान उर्फ मुफीज व मु.इस्माइल को गिरफ्तार किया गया है। इनमें हाफिज मेरठ से पकड़ा गया। वह मेरठ के खरखौद थानाक्षेत्र के ग्राम अलीपुर में रह रहा था। इसके अलावा मुफीजुर्रहमान को अलीगढ़ से तथा अजीजुर्रहमान व मु.इस्माइल को बुलंदशहर के खुर्जा से पकड़ा गया है। आरोपितों के कब्जे से तीन मोबाइल फोन, यूएनएचसीआर के तीन कार्ड, एक आधार कार्ड, एक लैपटाप, दो पासपोर्ट की छायाप्रति व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।
बांग्लादेश सीमा के जरिये रोहिंग्या को लगातार प्रदेश में लाकर यहां फर्जी दस्तावेजों की मदद से पहचान बदलकर बसाया जा रहा है। आशंका है कि सूबे में 1800 से अधिक रोहिंग्या को अवैध ढंग से लाया गया है। बांग्लादेश के शरणार्थी कैंप से भी रोहिंग्या को ठेके पर प्रदेश के विभिन्न शहरों में लाया जा रहा है।
छानबीन में सामने आया था कि सूबे में हाफिज इस गिरोह की अहम कड़ी है। गिरोह रोहिंग्या को यहां लाने के बाद उन्हें व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में नौकरी दिलाता है और उनके वेतन का एक बड़ा हिस्सा बतौर कमीशन वसूलता है। कई रोहिंग्या को फर्जी दस्तावेजों के जरिये भारतीय पासपोर्ट बनवाकर विदेश भेजा गया है।
उल्लेखनीय है कि एटीएस ने एक दिन पूर्व दो रोहिंग्या को अलीगढ़ से गिरफ्तार किया था। प्रदेश में बीते एक साल में अब तक 17 रोहिंग्या को गिरफ्तार किया जा चुका है। अधिकारियों का दावा है कि रोहिंग्या की गिरफ्तारी के मामले में यह किसी भी राज्य की तुलना में सबसे बड़ी संख्या है।