National Education Day: जीवन में शिक्षा का सबसे अहम स्थान होता है। हर व्यक्ति का जीवन उसकी शिक्षा पर निर्भर होता है। जैसी शिक्षा व्यक्ति को दी जाएगी, उसका जीवन उसी अनुसार चलेगा। आज हम पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मना रहे हैं। हर साल 11 नवंबर को भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के उपलक्ष्य में इस दिन को मनाया जाता है।
इस दिन शिक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने और प्रत्येक व्यक्ति को साक्षर बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और अभियान आयोजित किए जाते हैं। 11 सितंबर, 2008 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। मौलाना आजाद को मरणोपरांत 1992 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
मौलाना अबुल कलाम आजाद या मौलाना सैय्यद अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन अहमद बिन खैरुद्दीन अल-हुसैनी आजाद का जन्म 11 नवंबर, 1888 को हुआ था। मौलाना अबुल कलाम आजाद 1947 से 1958 तक पंडित जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट में पहले शिक्षा मंत्री थे। मौलाना अबुल कलाम आजाद न केवल एक विद्वान थे बल्कि शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध थे। वह एक सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जाने जाते थे। मौलाना अबुल कलाम आजाद देश के आईआईटी और कई प्रमुख संस्थानों की बेहतरी के लिए काम किया। एक कवि, विद्वान, पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी, उन्होंने कई नेताओं के साथ भारत के निर्माण में योगदान दिया। लेकिन भारत के लिए उनका सबसे बड़ा योगदान शिक्षा का उपहार रहा है।