



गुजरात में SIT ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ हाईकोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में तीस्ता सीलतवाड के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाये गये हैं और उसके प्रमाण पेश किये गये हैं। चार्जशीट के मुताबिक तीस्ता ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मौत की सजा दिलाने के लिए गंभीर साजिश रची थी। इस साजिश में दो पूर्व आईपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट भी शामिल थे, जो समय-समय पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर और उसकी ऑफिशियल एंट्री कर तीस्ता को भेजते थे।
पीड़ितों को गुमराह करने का आरोप
आरोपों में कहा गया है कि तत्कालीन सीएम को फंसाने के लिए फर्जी दस्तावेजो फर्जी एफिडेविट तैयार की गई । पीड़ितों को गुमराह करते हुए, जो घटनाएं कभी घटी ही नहीं, ऐसी काल्पनिक कहानियों पर हस्ताक्षर लिए गए। दस्तावेज अंग्रेजी में थे, जो पीड़ितों की समझ से बाहर थे। अगर कोई पीड़ित, तीस्ता का साथ देने तैयार नहीं होता तो उसे डराया-धमकाया जाता था। खुद पूर्व आईपीएस आरबी श्रीकुमार ने एक गवाह को फोन करके धमकाया था। फिर इसे अदालत में साबित करने के लिए बाकायदा वकीलों को फौज तैयार की गई।
चार्जशीट के मुताबिक तीस्ता और संजीव भट्ट एक दूसरे के संपर्क में थे। संजीव भट्ट नामी पत्रकारों, कुछ एनजीओ और गुजरात विधानसभा में नेता विपक्ष से भी संपर्क में थे। अलग-अलग पिटिशन में साजिश पूरी करने के मकसद से काम किया गया और सभी को लगातार ईमेल भी किया गया। तीस्ता के मुताबिक एफिडेविट नहीं करने वाले एक गवाह का तो पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट ने अपहरण भी किया था और जबरन फर्जी एफिडेविट करवाई थी। इन आरोपियों का मकसद तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीतिक पारी खत्म करना और उनकी साख को नुकसान पहुंचाने का था।