देश में जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। यह देश में उपलब्ध होने वाली चौथी कोरोना वैक्सीन होगी। सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशील्ड (ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका), भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और डॉ. रेड्डीज की स्पूतनिक वी (रूस की वैक्सीन) पहले से ही उपलब्ध हैं।
भारत में इस वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। जॉनसन एंड जॉनसन इंडिया के प्रवक्ता ने ट्विटर पर लिखा, हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि 7 अगस्त 2021 को, भारत सरकार ने भारत में जॉनसन एंड जॉनसन COVID19 सिंगल-डोज़ वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) जारी किया, ताकि 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों में COVID को रोका जा सके।
वैक्सीन नॉन-रेप्लिकेटिंग वायरल वेक्टर वैक्सीन है। इसका मतलब यह है कि वैक्सीन के भीतर का जेनेटिक मैटीरियल शरीर के भीतर अपनी कॉपी नहीं बनाएगा। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि जब वायरस शरीर में प्रवेश करता है तो वह अपनी कॉपीज बनाना शुरू करता है जिससे संक्रमण फैलता है।
कितने तापमान पर रखा जाता है ?
इस वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री तापमान के बीच स्टोर किया जा सकता है। खुल चुके वायल्स 9 डिग्री से 25 डिग्री तापमान के बीच 12 घंटे तक रखे जा सकते हैं।कंपनी ने इसे सिंगल डोज वैक्सीन भारत लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम करार दिया है। इसको लेकर जॉनसन एंड जॉनसन ने बायोलाजिकल ई लिमिटेड के साथ समझौता किया है।
कंपनी ने कहा कि तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के सुरक्षा और प्रभाव के आंकड़ों के आधार पर इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मांगी गई। इस ट्रायल में यह वैक्सीन गंभीर मामलों को रोकने में 85 फीसद कारगर पाई गई है।