पीएम ने मंच से जनता को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर वार किया। पीएम ने सपा कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि घोर परिवारवादी देश हित में नहीं अपने हित में काम किया। पीएम ने कहा यहीं से 2014 का डंका बजल रहल… यह इस चुनाव की आखिरी सभा है। इस सदी में कई चुनौतियां रही हैं, सरकार उन सभी चुनौतियों से बेहतर तरीके से लड़ रही है।
कहा कि मित्रों मेरी यह आखिरी सभा है। उत्तर प्रदेश ने अभी तक ऐसा चुनाव नहीं देखा होगा। जब कोई सरकार विकास, सुदृण कानून व्यवस्था देने के दम पर जनता का आशीर्वाद मांग रही हो। बांदा से लेकर बहराइच तक पूरा यूपी बिना बटे एक जुट होकर कह रहा है आएगी तो भाजपा ही, आएंगे तो योगी ही। गुंडागर्दी, भाई भतीजावाद, परिवारवाद को लोग नकार चुके हैं।
जो लोग केवल अपना विकास करें और अपने परिवार का विकास करे उनका साथ दोगे क्या। यह जो कहते हैं वह करते नहीं और जो नहीं कहते वह करवाते हैं। परिवारवाद के लोगों के घोषणा पत्र में दंगा तो नहीं था। पर उन्होंने पांच साल तक दंगे ही दंगे करवाए। दफ्तरों और थानों में पांच साल भाई भतीजावाद ही चलता रहा।
काशी के पुरातनता को बनाए रखते हुए आधुनिक स्वरूप देना, बिजली के तारों के जंजाल से मुक्ति, चौड़ी होती सड़कें, नए सड़क और फ्लाईओवर, 450 सौ करोड़ रुपये किसानों के खाते में पहुंचाया गया, कार्गो सेंटर, गोबर गैस प्लांट, दूध प्लांट, चावल अनुसंधान, प्राकृतिक खेती पर काम हुआ है। दस मार्च को चुनाव नतीजे आने के बाद और भी विकास और कल्याणकारी योजनाओं पर काम किया जायेगा। पहले कैंसर का इलाज मुंबई और दिल्ली में होता था अब काशी में हो रहा है। यही तो विकास है। इससे पूर्वांचल के लोगों में विश्वास बढ़ा है। 21 वीं सदी देश के लिए कुछ चुनौतियां लेकर आया है। इसमें हम अवसर खोजेंगे।
देश ही नहीं विदेश में भी लंगड़ा आम से लेकर खादी तक का प्रचार हो रहा है। लोकल फार वोकल हो, क्या बनारसी साड़ी, मैं जहां-जहां जाऊं और बनारसी लंगड़ा आम के गीत गाऊं तो किसानों को फायदा होगा की नहीं? बनारसी खिलौने का प्रचार प्रसार करुं तो उन गरीबों की आय बढ़ेगी की नहीं। क्या यह गलत काम है। लेकिन हमारे विरोधी कभी इसका नाम नहीं लेते।
आज दुनियाभर में योग और आयुष की धूम है। लेकिन हमारे विरोधी योग का भी विरोध करते हैं। कारण की आप योग करोगे तो निरोग रहोगे। तब मोदी- मोदी गाओगे। एक समय में खादी कांग्रेस की पहचान हुआ करती थी। मैं केवल बनारस मंडल की बात करूं तो 170 करोड़ रुपये की आय खादी को हुई है। इससे कितनों गरीब माताओं- बहनों की आय बढ़ी है।