जांजगीर प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ जिले के अपात्र किसानों को भी मिल रहा है। ऐसे किसानों के खाते में पैसा जा रहा है, जिन्हें इसकी जानकारी भी नहीं हो पा रही है, किसानों के नाम से पैसा तो उनके खाते में जा रहा है, लेकिन पैसा खाता में ट्रांसफर होने का मैसेज गलत लोगों को जा रहा है, क्योंकि कृषि विभाग ने इस योजना की न तो सही मॉनिटरिंग कर रहे है, न ही अपात्र किसानों के नाम लिस्ट से काटे जा रहे हैं।
आलम यह है कि अपात्र किसानों के नाम पीएम सम्मान निधि के लिए रजिस्टर्ड कर लोग पैसे ले रहे हैं। सक्ती पुलिस ने ऐसे ही मामले में चार सगे भाइयों को पकड़ा है। इन चारों के पास से 288 एटीएम कार्ड जब्त किया है। इस एटीएम कार्ड का उपयोग ये चारों भाई पीएम सम्मान निधि का पैसा निकालने ही गए थे।
जिले में पिछले साल 1 लाख 96 हजार किसानों को पीएम सम्मान निधि के लिए अपात्र पाया था। उनकी जांच करने और उनसे वसूली का भी प्रावधान सरकार द्वारा किया गया था, पर कृषि विभाग के आला अधिकारी से लेकर ग्राउंड लेवल के कर्मचारी तक इसके लिए गंभीर नहीं है। यही वजह है कि करीब नौ महीने में जांच पूरी नहीं हो पाई है और न ही अपात्रों को बाहर किया है। डीडीए एमआर तिग्गा के पास तो ऐसे अपात्रों की संख्या की जानकारी तक नहीं है। मॉनिटरिंग नहीं होने से फर्जी खातों में पैसे जमा हो रहे हैं।
ग्राम सेवकों के अप्रूवल के बाद ही खाते में आता है पैसा
ग्राम सेवकों द्वारा ऑनलाइन व ऑफलाइन मिले आवेदनों की सही या गलत होने की पुष्टि के बाद ही हितग्राही के खाते में पेमेंट जा सकता है, यानि यदि फर्जी किसानों का कार्ड बनाने वाला जितना दोषी है, उतना ही उसकी सही पड़ताल नहीं करने वाले लोग भी जिम्मेदार हैं।
महिलाओं ने की थी शिकायत
13 जनवरी 2022 को पामगढ़ की 35 महिलाओं ने थाना में लिखित शिकायत की थी कि उनके नाम से फिनो बैंक में एकाउंट खोल कर उन्हें पीएम सम्मान निधि मिलने का दावा किया था। महिलाओं ने अपनी शिकायत में बताया कि पामगढ़ के ही हेमंत कुर्रे ने उनका आधार कार्ड व मोबाइल नंबर लेकर खाता खोला था।
तीन बार के 6000 रुपए आने का मैसेज भी उनके मोबाइल पर आया, लेकिन उन लोगों को एक रुपया नहीं मिल पाया है। पुलिस ने इसमें फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज नहीं किया, बल्कि तत्कालीन एसडीएम करुण डहरिया ने इसकी जांच कराने के लिए कृषि विभाग के एसडीओ को दिया। 5 माह बीतने को है, इस मामले की जांच न तो पुलिस ने की और न ही कृषि विभाग के एसडीओ ने ही जांच रिपोर्ट दी है।
जांच नहीं होने से गड़बड़ी
पीएम किसान सम्मान निधि के लिए सीएससी से ऑनलाइन और कृषि विभाग द्वारा ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाता है। ऑफलाइन आवेदन का सत्यापन ग्राम सेवक किसान का पर्ची नंबर, खसरा आदि का मिलान कर आईडी में अप्रुवल करते हैं, ठीक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का भी अप्रुवल वे ही करते है, लेकिन अप्रूवल करने के दौरान ही सही पड़ताल नहीं होने के कारण अपात्रों के नाम शामिल हो रहे हैं।
एसडीओ ने नहीं दी जांच रिपोर्ट: थाना प्रभारी
जनवरी में पीएम सम्मान निधि का पैसा दूसरे व्यक्ति द्वारा निकालने की शिकायत मिली थी। इसकी जांच के लिए तत्कालीन एसडीएम ने कृषि विभाग के एसडीओ को नोडल अधिकारी नियुक्त किया था। उन्होंने अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं दी है, इसलिए कार्रवाई नहीं हो पाई है।”