ताज़ा खबर
Home / देश / गैराज की आड़ में चला रहे थे आतंकी गतिविधियां

गैराज की आड़ में चला रहे थे आतंकी गतिविधियां

अलकायदा समर्थित संगठन अंसार गजवातुल हिंद से जुड़े मिनहाज और उसका करीबी शाहिद करीब आठ साल से गैराज की आड़ में आतंकी गतिविधियां को अंजाम दे रहे थे। एटीएस के मुताबिक, काकोरी के बेगरिया निवासी मिनहाज व शाहिद आठ साल पहले सऊदी में रहता था। इस दौरान ही दोनों के संबंध अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरानी लोगों से हुए। वहां से लौटने के बाद दोनों आतंक के कारोबार में लग गए थे। दोनों के पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर में हुए विस्फोट से संबंध होने की बात सामने आई। इसके बाद एटीएस ने ऑपरेशन कर दोनों को दबोच लिया।

बताया जा रहा है कि मिनहाज की पत्नी इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में तैनात है। मिनहाज के घर से बरामद एक गाड़ी में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का वाहन पास भी लगा है। एटीएस ने देर शाम को मिनहाज के पिता सिराज, उसकी मां और पत्नी को हिरासत में ले लिया। उनसे पूछताछ कर रही है। मिनहाज का पड़ोसी शाहिद मूलरूप से उन्नाव का रहने वाला है। मिनहाज व शाहिद ने मिलकर एक गैराज खोल रखा था। सऊदी जाने से पहले गैराज को किराए पर दे दिया था।

आठ साल पहले सऊदी से लौटने के बाद दोनों गैराज खुद चलाने लगे। एटीएस के मुताबिक, सऊदी रहने के दौरान ही शाहिद और मिनहाज के अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरानी लोगों से ताल्लुकात हुए। इसके बाद ही दोनों आतंकी  गतिविधियों में शामिल हुए। यह बात एटीएस की पूछताछ में सामने आई। इन तीनों देशों के कुछ संदिग्धों से मिनहाज व शाहिद की लगातार बात होती थी। मिनहाज व शाहिद के घर के पास पंक्चर बनाने वाले दानिश ने बताया कि  वह काफी वक्त से इलाके में दुकान लगा रहा है। उसने बताया कि बरामद एसयूवी को गैराज से बाहर निकलते नहीं देखा। शाहिद रात को कभी-कभार एसयूवी निकालता था। दानिश के मुताबिक, शाहिद अक्सर पुराने टायर की मांग करता था। कई बार गाड़ी गैराज में नहीं होने पर उसने पूछा तो शाहिद टाल देता था।

 दानिश के मुताबिक, शाहिद और मिनहाज गैराज में खड़ी गाड़ी का टायर छह महीने में बदल लेते थे। इस पर उसे संदेह होता था। दानिश के मुताबिक, शाहिद ने मड़ियांव इलाके से पुराने तीन टायर खरीदे थे। एक टायर कम होने के कारण उससे संपर्क किया। उससे एक टायर लिया। लेकिन वह उसकी एसयूवी में नहीं लग सका। इसके बाद लौटाने आए तो दानिश ने मना कर दिया, कहा कि गैराज में ही रहने दीजिये जब जरूरत होगी तो मांग लिया जाएगा।

कुछ दिन पहले संदिग्ध पाकिस्तानी आए थे आतंकियों के घर 

एटीएस के सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों के घर पर अफगानिस्तान व पाकिस्तान सहित ईरान के लोगों का आनाजाना था। इसमें कई संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हैं। यही विदेशी संदिग्ध लोगों के जरिए ही आतंक का कारोबार उत्तर प्रदेश में फैलाना चाहते थे। इसके लिए भारी मात्रा में विस्फोटक भी उपलब्ध कराया गया था। कुछ दिन पहले तीन-चार संदिग्ध पाकिस्तानी काकोरी आए थे। उन्होंने पूरी साजिश रची थी। इसके बाद उसी एसयूवी से कश्मीर गए थे जो शाहिद के गैराज से एटीएस ने बरामद की है। इसके बाद से जम्मू कश्मीर व केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने उनकी एसयूवी के नंबर को एटीएस से साझा किया था। इसके बाद ही दोनों आतंकियों को पकड़ लिया गया।

अदनानपल्ली में ही रहने वाले युवक के मुताबिक मिनहाज अहमद एकदम शांत रहता था। वह बिना किसी कारण किसी से बात नहीं करता था। लेकिन वह जब भी साथ में होता और कोई बात न होती थी तो वह संदिग्ध वीडियो अपने मोबाइल में देखता था। वीडियो के बारे में जब उससे कुछ पूछता तो वह कह देता कि तुम लोगों के काम की नहीं है।

                                             

दस्तावेज व नक्शे जलाकर गैराज से भाग निकले पांच लोग

शाहिद के गैराज में पांच लोग छिपे हुए थे। ये लोग रात में बाहर घूमे, फुटपाथ पर बैठकर काफी बातें किए फिर रात में सोने चले गये। पर एटीएस के कमांडों ने जब छापा मारा तो ये लोग गैराज के अंदर इधर-उधर भागने लगे। इस बीच पांच लोग गैराज की छत पर चले गये। कमांडो जब गैराज के अंदर घुसे तो वहां सिर्फ  दो लोग ही मिले। गैराज के अंदर कुछ कागज जले हुए मिले। बताया जा रहा है कि इनमें एक नक्शा भी था। यह नक्शा कहां का था और किस इरादे से इस नक्शे को ये लोग लिये हुए थे। इस बारे में पता लगाया जा रहा है। माना जा रहा है कि आंतकियों को जो ऑपरेशन करना था, यह उसका ही नक्शा था।

About jagatadmin

Check Also

Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री व्रत कब, जानें तिथि, पूजाविधि और नियम

Vat Savitri Vrat 2024 Kab Hai: वट सावित्री व्रत, जिसे सावित्री अमावस्या या वट पूर्णिमा के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *