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ओडिशा, बंगाल झारखंड के लिए 1000 करोड़ की मदद का एलान

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि पीएम मोदी ने चक्रवात से प्रभावित लोगों के साथ पूरी एकजुटता व्यक्त की और आपदा के दौरान अपने परिजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति दुख जताया। पीएम ने मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये और गंभीर घायल हुए लोगों को 50 हजार रुपये मुआवजा देने का एलान किया। पीएमओ ने कहा कि केंद्र सरकार चक्रवात से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी दल तैनात करेगी जो राज्यों का दौरा करेगा। इसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। प्रधानमंत्री ने ओडिशा, बंगाल और झारखंड को आश्वस्त किया है कि इस संकट के समय में केंद्र उनके साथ है।  गतिविधियों के लिए एक हजार करोड़ रुपये की वित्तीय मदद का एलान किया है। इसमें से ओडिशा को 500 करोड़ रुपये तुरंत दिए जाएंगे। इसके अलावा बाकी 500 करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल और झारखंड को वहां तूफान की वजह से हुए नुकसान के आधार पर दिए जाएंगे। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी को भी आमंत्रण दिया गया तो बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भड़क गईं। सूत्रों के अनुसार बैठक में बनर्जी और राज्य के मुख्य सचिव 30 मिनट लेट पहुंचे। सीएम ने वहां पहुंचते ही यास से हुए नुकसान को लेकर कुछ कागजात सौंपे और कहा कि दूसरी बैठकें चल रही हैं, मुझे वहां जाना है। ममता बनर्जी मात्र एक दस्तावेज सौंपने के लिए कलाईकुंडा एयरफोर्स स्टेशन जाएंगी, जहां पीएम मोदी के साथ बैठक बुलाई गई है। ऐसा माना जा रहा है कि ममता के इस कदम के बाद से राज्य और केंद्र सरकार के बीच मतभेद और बढ़ सकता है।

यास तूफान को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की समीक्षा बैठक में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़, ममता बनर्जी, केंद्रीय मंत्री और सांसद देवाश्री चौधरी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को शामिल हुए। इसके अलावा बंगाल विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को भी इस बैठक में बुलाया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में आने से ही मना कर दिया था। पीएम मोदी ने बंगाल व ओडिशा के तूफाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सवेक्षण भी किया। इस दौरान उनके साथ पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मौजूद थे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर 24 परगना जिले में चक्रवात प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय के साथ मुख्यमंत्री ने हिंगलगंज, हसनाबाद, संदेशखली, पिनाखा और जिले के अन्य इलाकों में चक्रवात के बाद की स्थिति का जायजा लिया। बनर्जी ने कहा, ‘‘मैंने देखा है कि अधिकतर क्षेत्र जलमग्न हैं। मकान और खेतों के बड़े भू-भाग जलमग्न हैं। इस संबंध में फील्ड सर्वेक्षण भी किया जाएगा।’’ उन्होंने जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और खंड विकास पदाधिकारियों के साथ प्रशासनिक बैठक भी की। पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना जिलों में कई इलाके चक्रवात ‘यास’ से प्रभावित हैं। बनर्जी बाद में दक्षिण 24 परगना जिले के चक्रवात प्रभावित इलाकों और पूर्वी मेदिनीपुर में तटीय शहर दीघा का भी दौरा करेंगी।

 

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