राजस्थान के मुख्यमंत्री ने सोनिया गांधी से मुलाकात करने के बाद बड़ा ऐलान किया है. टीवी9 से खास बात करते हुए गहलोत ने कहा है कि दो दिन पहले हुई घटना से वह आहत हैं और कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे. इस घटना ने देश के अंदर कई सारे मैसेज दे दिए हैं. जब राहुल गांधी ने मना कर दिया कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे.
तब मैंने अपने समर्थकों के कहने पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया. अब परसों जो कुछ भी हुआ उसको देखते हुए मैंने फैसला लिया है कि इस माहौल में मैं अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ूंगा.बाड़मेर में अशोक गहलोत गुट के चोहटन से विधायक पदमाराम मेघवाल ने कहा कि जो आलाकमान फैसला करेगा, वह मंजूर है,यह एक प्रक्रिया है. वहीं, बाड़मेर से विधायक मेवाराम जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सक्षम हैं.
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद जय हिंद ने कांग्रेस पर तंज कसा है. उन्होंने कहा- गुस्ताख ए गांधी की एक ही सजा, गहलोत अध्यक्ष से जुदा! गांधी परिवार अगले कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में रबर स्टैंप की तलाश में था. स्पष्ट रूप से गहलोत अब बिल के लायक नहीं थे, इसलिए वे चले गए! ये कांग्रेस अध्यक्ष की तलाश नहीं है, बल्कि रबर स्टैंप की तलाश है! यह एक फिक्स मैच है.
जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. ये बैठक करीब 1.30 घंटे चली.बैठक के बाद उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से 50 साल में मुझे कांग्रेस पार्टी ने इंदिरा गांधी के समय से ही चाहें,कोई भी अध्यक्ष रहा, मुझे हमेशा विश्वास करके जिम्मेदारी दी गई. राहुल गांधी ने जब फैसला किया, उसके बाद भी घटना हुई,उस घटना ने हिलाकर रख दिया. पूरे देश में मैसेज चला गया कि मैं सीएम बना रहना चाहता हूं. मैंने इसके लिए सोनिया गांधी से माफी मांगी है. मैं कांग्रेस का वफादार हूं.
अशोक गहलोत जब सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपद गए, तो उनके पास एक पेपर था. इसमें लिखा था जो हुआ बहुत दुखद है, मैं भी बहुत आहत हूं.सोनिया गांधी से मुलाकात के बीच अशोक गहलोत खेमे के विधायक ने खुलकर धमकी दी है. धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि अगर किसी और खेमे से सीएम बनाया गया, तो हम सभी विधायक इस्तीफा दे देंगे. हम मध्यावधि चुनाव के लिए भी तैयार हैं.