इन दिनों लोहे के साथ ही दूसरी भवन निर्माण सामग्रियों के दाम में भी इजाफा हो गया है। विशेषकर सरिया तो 72 हजार रुपये प्रति टन पहुंच गया है। साथ ही सीमेंट भी 300 रुपये तक बिक रही
है। इसे देखते हुए बिल्डरों द्वारा अगले महीने से रियल इस्टेट कंपनियां भी प्रोजेक्ट के दाम में 10 फीसद बढ़ोतरी की तैयारी कर रहे है। बिल्डरों का कहना है कि भवन निर्माण सामग्री में तेजी का असर उनके प्रोजेक्ट की कीमतों में पड़ा है। इसके चलते प्रोजेक्टों की कीमतों में बढ़ोतरी करना जरूरी हो गया है। कारोबारियों का कहना है कि इसके चलते उपभोक्ताओं के पास अभी खरीदारी का काफी अच्छा मौका है। अभी उपभोक्ताओं के लिए आकर्षक आफर भी दिए जा रहे है।
रिटेल मार्केट में सरिया 72 हजार रुपये प्रति टन पहुंच गया है। आठ से दस दिनों में ही सरिया की कीमतों में सात हजार रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी हो गई है। क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इसकी कीमतों में और बढ़ोतरी के आसार बने हुए है।
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध का असर लोहा बाजार में पड़ा है। कारोबारियों का कहना है कि इसकी वजह से कोयले की कीमतों में जबरदस्त तेजी आ गई है और कोयला भी 20 हजार से 22 हजार रुपये प्रति टन बिक रही है। छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी ने बताया कि कोयले की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण यह तेजी आई है।
सरिया की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते इन दिनों बाजार से मांग बिल्कुल गायब हो गई है। इसके साथ ही बहुत से प्रोजेक्ट रुकने लगे है और लोगों ने भी निर्माण कार्य रोकना ही सही समझ रहे है। उपभोक्ताओं को भी कीमतें सुधरने का इंतजार बना हुआ है।