रूस के साथ जारी युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भारत और जर्मनी सहित कई देशों के अपने राजदूतों को हटा दिया है। यह जानकारी राष्ट्रपति कार्यालय की वेबसाइट पर दी गई है।
जारी किए गए एक आदेश में अचानक लिए गए इस निर्णय का कोई ठोस कारण नहीं बताया गया है। हटाए जाने वालों में भारत, जर्मनी के अलावा चेक गणराज्य, नार्वे और हंगरी के राजदूत शामिल हैं। अब इन राजनयिकों की तैनाती कहां की जाएगी, इसकी भी जानकारी नहीं दी गई है।
जेलेंस्की ने अपने राजदूतों से वैश्विक स्तर पर समर्थन जुटाने का आह्वान किया था। उन्होंने रूस का सामना करने के लिए विभिन्न देशों से हथियारों की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए प्रयास करने का भी निर्देश दिया था।
लेकिन यूक्रेन को इस मामले में अपेक्षित सफलता नहीं मिली। रूसी सेना का सामना करने के लिए उसे अब भी भारी मात्रा में हथियारों की आवश्यकता है।
समय-समय पर राष्ट्रपति जेलेंस्की को इसके लिए वैश्विक समुदाय से गुहार लगाते हुए भी देखा जा सकता है।
यूक्रेन ने अपने नागरिकों से रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों को खाली करने की अपील की है, ताकि वहां यूक्रेनी जवान बेहिचक जवाबी कार्रवाई कर सकें।
यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री इरिना वेरेशचुक ने एलान किया कि दक्षिणी क्षेत्र में रूस के साथ भीषण युद्ध होने वाला है। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते रूस ने यूक्रेन के गढ़ लुहांस्क के लिसिचांस्क पर कब्जे का एलान किया था।
यूक्रेन ने अपनी सेना को मजबूत करने के लिए सहयोगी देशों से और हथियारों की मांग की है। यूक्रेन के मुख्य वार्ताकार मायखाइलो पोडोलीक ने कहा है कि युद्ध में नया मोड़ आने वाला है, क्योंकि आपूर्ति बाधित होने और नुकसान के कारण रूस को अपना सैन्य अभियान रोकना पड़ा है। अब उन्हें नए सिरे से हथियारों व जवानों को तैनात करना होगा।