इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain News) के कानपुर और कन्नौज स्थित घरों से इनकम टैक्स छापेमारी में 194 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश बरामद हुआ है। इसके अलावा करोड़ों रुपये का सोना, चांदी और चंदन का तेल मिला है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) के अधिकारियों को घरों की दीवारों, सीलिंग, अलमारियों और तहखाने से बंपर कैश मिला।
कानपुर से 177.45 करोड़ रुपये और कन्नौज से 17 करोड़ रुपये कैश बरामद हुआ है। इसके साथ ही अब तक 64 किलो सोना, लगभग 250 किलो चांदी और 600 लीटर चंदन का तेल बरामद हुआ है। यह सीबीआईसी के अधिकारियों द्वारा नकदी की अब तक की सबसे बड़ी जब्ती है।पीयूष जैन की अकूत संपत्ति जीएसटी इंटेलिजेंस के रडार में आने के पीछे रही, एक पान मसाला कंपनी को परफ्यूम की सप्लाई। पूरा वाकया शुरू हुआ मेसर्स गणपति रोड कैरियर्स द्वारा संचालित 4 ट्रकों से।
कर अधिकारियों के पास सूचना थी कि शिखर पान मसाला बनाने वाली कंपनी त्रिमूर्ति फ्रैग्रेंस प्राइवेट लिमिटेड के पान मसाला और तंबाकू उत्पाद लागू कर के भुगतान के बिना ही ट्रान्सपोर्ट रहे हैं। ट्रांसपोर्टर सामान की ढुलाई के दौरान ई-वे बिल से बचने के लिए ऐसी कंपनियों के नाम पर कई इनवॉइस का इस्तेमाल करता था, जो सभी 50,000 रुपये से कम के होते थे। ट्रांसपोर्टर इस गैर कानूनी सप्लाई की बिक्री से मिली धनराशि को नकद में ले रहा था और अपना कमीशन काटने के बाद विनिर्माता को सौंप रहा था।अधिकारियों ने शुरुआत में पान मसाला मैन्युफैक्चरर की फैक्ट्री परिसर के बाहर बिना इनवॉइस और ई-वे बिलों के फैक्ट्री से बाहर निकले ऐसे 4 ट्रकों को सफलतापूर्वक पकड़ा और सीज कर लिया। इससे उन्हें मिली टिप की पुष्टि हो गई।
इसके बाद जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की अहमदाबाद इकाई ने 22.12.2021 को कानपुर में शिखर ब्रांड पान मसाला एवं तंबाकू उत्पादों के निर्माताओं के कारखाना परिसरों; मेसर्स गणपति रोड कैरियर्स, ट्रांसपोर्ट नगर, कानपुर के कार्यालय/गोदामों, और मेसर्स ओडोकेम इंडस्ट्रीज के कानपुर एवं कन्नौज स्थित आवासीय/कारखाना परिसरों में तलाशी अभियान शुरू किया। पान मसाला मैन्युफैक्चरर के फैक्ट्री परिसरों के भीतर, भौतिक रूप से स्टॉक लेने के दौरान कच्चे माल और तैयार उत्पादों की कमी देखी गई, क्योंकि तैयार उत्पादों को गैर कानूनी रूप से बाहर निकाला गया था। कंपनी के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता ने स्वीकार किया कि जीएसटी भुगतान के बिना सामान को बाहर भेजा गया है। शिखर ब्रांड पान मसाला/तंबाकू उत्पादों के निर्माताओं ने अपनी कर देनदारी के रूप में 3.09 करोड़ रुपये की रकम जमा की है।ट्रांसपोर्टर एम/एस गणपति रोड कैरियर्स के परिसरों में जीएसटी के भुगतान के बिना सामान की ढुलाई के लिए इस्तेमाल की गईं 200 से ज्यादा फर्जी इनवॉइस मिलीं। ट्रांसपोर्टर ने भी स्वीकार किया कि फर्जी इनवॉइसेज के तहत ई-वे बिलों के बिना सामान बाहर भेजा गया था और बिक्री की धनराशि नकद में लेकर विनिर्माता को सौंपी जा रही थी। ट्रांसपोर्टर के कब्जे से 1.01 करोड़ रुपये की धनराशि नकद में जब्त की गई।
पीयूष जैन की साझेदारी वाली कंपनी मेसर्स ओडोकेम इंडस्ट्रीज, परफ्यूमरी कंपाउंड्स की आपूर्तिकर्ता है। यह कंपनी शिखर पान मसाला (Shikhar Pan Maslal) को भी परफ्यूमरी कंपाउंड्स की सप्लाई करती थी। मेसर्स ओडोकेम इंडस्ट्रीज के कानपुर एवं कन्नौज स्थित आवासीय/कारखाना परिसरों में भी आयकर के छापे पड़े और पीयूष जैन के यहां से बेशुमार नकदी और सोना हाथ लगे।
इसे ईवेबिल पोर्टल से जनरेट किया जाता है। लेकिन इसे तभी जनरेट करना होगा, जब एक वाहन में ट्रान्सपोर्ट किए जाने वाले सामान की वैल्यू 50000 रुपये से ज्यादा हो। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि एक जीएसटी रजिस्टर्ड व्यक्ति एक वाहन में 50000 रुपये से ज्यादा का सामान (सिंगल इनवॉइस/बिल/डिलीवरी चालान) ईवे बिल जनरेट किए बिना ट्रान्सपोर्ट नहीं कर सकता। अगर वह ऐसा करता है तो यह नियमों का उल्लंघन होगा।
ट्रान्सपोर्टेड गुड्स के लिए ईवेबिल जनरेट न करना पड़े, सामान रिकॉर्ड में न आए, इसके लिए जालसाज कारोबारी फर्जी इनवॉइस के जरिए सामान की वैल्यू कम दिखाते हैं। नहीं तो उन्हें जीएसटी भरना पड़ेगा। इस तरह सामान के ट्रान्सपोर्ट पर जीएसटी की चोरी की जाती है।आयकर विभाग की टीम ने पीयूष जैन के मुंबई, कन्नौज, गुजरात और कानपुर के ठिकानों पर छापेमारी की। आयकर विभाग की टीम ने पीयूष जैन की फैक्ट्री, कार्यालय, कोल्ड स्टोर और पेट्रोल पंप पर छापेमारी की और इस दौरान करोड़ों की कर चोरी सामने आई। पीयूष जैन के यहां आयकर विभाग के छापे में जो रकम बरामद हुई है, उसे आरबीआई को सौंप जाएगा।