दिल्ली: दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है। गुरुवार रात उनके घर की तलाशी लेने के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया जिसके बाद उन्हें पूरीन रात ई़डी के दफ्तर में गुजारनी पड़ी। उधर ईडी केजरीवाल को कोर्ट में पेश कर हिरासत की मांग कर सकती है। ईडी ने सीएम केजरीवाल को शराब घोटाले में साजिशकर्ता बताया है और 100 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप भी लगाया है। लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर केजरीवाल का नाम इस घोटाले में कैसे आया।
दरअसल पिछले साल ईडी ने इस मामले में चार्जशीट दायर की थी जिसमें अरविंद केजरीवाल का नाम भी शामिल था। ये चार्जशीट केजरीवाल के करीबी विजय नायर और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के सचिव सी अरविंद के बयान के आधार पर दायर की गई थी। दिल्ली शराब घोटाले के नामजद आरोपियों में विजय नायर गिरफ्तार होने वाले पहले आरोपी थे और उनके और सी अरविंद के बयान के आधार पर ही ईडी ने केजरीवाल पर शिकंजा कसा।
ईडी के मुताबिक विजय नायर केजरीवाल के सबसे करीबी लोगों में से एक थे और कई बार उनके ऑफिस में आना जाना था। वो विजय नायर ही थे जिन्होंने शराब घोटाले मामले के मुख्य आरोपी समीर महेंद्रू से केजरीवाल की बात कराई थी। समीर महेंद्रू ने भी इस बार में ईडी को बताया था कि पहले विजय नायर ने केजरीवाल से उनकी मीटिंग तय की थी लेकिन जब बात नहीं बन पाई तो फेसटाइम कॉल पर बात कराई थी।
तब केजरीवाल ने समीर महेंद्रू को ये भरोसा दिलाया था कि विजय नायर उनका बच्चा है और वो उस पर भरोसा कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक केजरीवाल से मिली शह के बाद समीर महेंद्रू को विजय नायर के कद का पता चला और उसे ये भरोसा हो गया कि खुद केजरीवाल समेत पार्टी अन्य बड़े नेताओं का विजय नायर को समर्थन मिला हुआ है।
इसके बाद समीर महेंद्रू और विजय नायर ने मिलकर काम किया और राजनेता और शराब कारोबारियों के साथ कई बैठकें की। ईडी ने ये भी आरोप लगाया था कि साउथ लॉबी के पहले आरोपी और अब गवाह राघव मगुंटा ने कहा था कि उनके पिता वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद ने शराब नीति के बारे में अधिक जानने के लिएकेजरीवाल से मुलाकात की थी।
उधर ईडी ने सी अरविंद द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर ये भी आरोप लगाया था कि केजरीवाल के आवास पर हुई बैठक में सिसोदिया ने सी अरविंद को नई शराब नीति का ड्राफ्ट सौपा था। इसी बैठक में ये भी तय किया था कि शराब नीति को कब से लागू करना है। ईडी ने अपनी दूसरी चार्जशीट में कहा था कि शराब घोटाले के जरिए आम आदमी पार्टी ने 100 करोड़ रुपए की रिश्वत ली और इन पैसों का इस्तेमाल गोवा चुनावों के लिए किया गया था।