ताज़ा खबर
Home / राज्य / गेहूं, चना समेत रबी की फसलों की प्रीमियम दरें तय

गेहूं, चना समेत रबी की फसलों की प्रीमियम दरें तय

बालोद: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिले के किसान 15 दिसंबर तक पंजीयन करवा सकते हैं। मोबाइल एप से ऑनलाइन या सीएससी, बैंक, सोसायटी में पहुंचकर पंजीयन करवा सकेंगे। कितने किसान पंजीयन करवाएंगे, यह 15 दिसंबर के बाद मालूम होगा। वर्तमान में किसान धान बेचने में व्यस्त हैं। प्रति हेक्टेयर चना का प्रीमियम राशि 555 रुपए तय किया गया है। वहीं गेंहू के लिए प्रति हेक्टेयर सिंचित रकबा अनुसार 504 रुपए देना पड़ेगा। गेहूं का बीमित राशि 33 हजार 600 रुपए और चना का 37 हजार रुपए तय किया गया है। नुकसान की स्थिति में सहायता राशि किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी।

इंश्योरेंस कंपनी के जिला प्रभारी विकास साहू ने बताया कि चना, गेंहू के अलावा सरसों, अलसी फसल का बीमा कराने प्रीमियम राशि तय किया गया है। रबी सीजन में धान का बीमा नहीं होगा। खरीफ सीजन में धान के लिए सिंचित क्षेत्र में प्रति हेक्टेयर बीमित राशि 55 हजार और प्रीमियम राशि 1100 रुपए तय किया गया था। जबकि पिछले साल बीमित राशि 45 हजार रुपए व प्रीमियम राशि 900 रुपए निर्धारित था।

रबी सीजन में जो किसान प्रीमियम राशि जमा करेंगे, उन्हें फसल नुकसान होने की स्थिति में लाभ मिलेगा। बैंक, इंश्योरेंस कंपनी की ओर से प्रभावित किसानों को सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। बैंक, इंश्योरेंस कंपनी के पास उन किसानों की सूची उपलब्ध रहेगा, जिन्होंने प्रीमियम राशि देकर बीमा कराया है। नियमों का पालन नहीं करने यानी नुकसान के बाद भी मुआवजा न मिलने पर जिम्मेदारों के खिलाफ कानूनी करने का प्रावधान है। तब भी किसानों को बीमा योजना का फायदा मिलेगा, जब उन्होंने अपनी उपज काट ली है और वह फसल खेत में ही किसी प्राकृतिक आपदा की वजह से नष्ट हो गई हो।

6 तहसील के 23458.4 हेक्टेयर की फसल खराब हुई थी
दिसंबर 2021 से जनवरी 2022 तक दो माह के 5 दिन में बेमौसम बारिश हुई थी, तब सर्वे के बाद शासन को पेश की गई रिपोर्ट में यह सच्चाई सामने आई थी कि जिले के 6 तहसील के 23 हजार 458.4 हेक्टेयर में लगी चना, तिवड़ा, मसूर सहित अन्य 12 फसल खराब हुई है। जिसमें से 14 हजार 815.12 हेक्टेयर की फसल को 33% से ज्यादा नुकसान हुआ है। जिससे 23 हजार 922 किसान प्रभावित हुए हैं। फसल नुकसान के एवज में किसानों को 12 करोड़ 15 लाख 4 हजार 849 रुपए मुआवजा देने अनुमानित राशि खर्च होने का अनुमान लगाया गया था। 33% से ज्यादा फसल नुकसान होने की स्थिति में मुआवजा देने का प्रावधान है।

खरीफ सीजन में 98 हजार किसानों ने पंजीयन कराया
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ सीजन में 11.18 करोड़ रुपए प्रीमियम राशि देकर जिले के 98 हजार 353 किसानों ने पंजीयन कराया था। वहीं अच्छी बारिश होने की वजह से सूखे के हालात नहीं बने। लिहाजा नुकसान की स्थिति नहीं बनी। हालांकि फसल कटाई प्रयोग नियमानुसार करने की बातें विभागीय अफसर कह रहे थे। लेकिन कितने स्थानों में यह हो पाया, इस संबंध में किसी को जानकारी नहीं है।

गाइडलाइन के अनुसार व्यापक आधार पर आई प्राकृतिक विपदाओं के कारण उपज में होने वाले नुकसान का आकलन फसल कटाई प्रयोग से किया जाता है। व्यक्तिगत खेत आधार पर स्थानीय आपदाएं ओलावृष्टि, जलाप्लावन, बादल फटना और आकाशीय बिजली के कारण खड़ी फसल को नुकसान, फसल कटाई के बाद नुकसान जैसे ओला, चक्रवात, चक्रवाती, बेमौसम वर्षा के कारण खेत में कटी और सुखाने के लिए फैली हुई नुकसान का आकलन होता है।

About jagatadmin

Check Also

म्यां मार में अवैध तरीके से ट्रैक में करोड़ो का सामान हेरोइन बरामद

म्यांममार में अवैध तरीके से ट्रैक में करोड़ो का सामान हेरोइन बरामद

आइजोल. असम राइफल्स और मिजोरम पुलिस ने दो अलग-अलग अभियानों में 4.34 करोड़ रुपये से अधिक …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *