भिलाई। इसे आप एक महिला का साहस कह सकते हैं। पार्षद बनते ही उन्होंने कब्जा हो चुके निगम की जमीन को चिन्हित किया। उसे कब्जा मुक्त कराया। इसके लिए पूरे परिवार को धमकी तक मिली। आज कब्जा मुक्त जमीन पर कहीं गार्डन है तो कहीं सामुदायिक भवन।
जी हां ये कारनामा किया है भिलाई चरोदा निगम वार्ड 19 पंचशील नगर चरोदा की पार्षद अर्पणा दास गुप्ता ने। पहली सामान्य सभा के दौरान उन्हें पता चला कि उनके वार्ड में हजारों वर्गफीट जमीन रसूखदारों के कब्जे में है। कोई रायपुर का रसूखदार तो कोई भिलाई का। किसी ने कब्जा कर जमीन बेच दी तो किसी ने घेरा कर लिया था।
निगम भी नहीं करा पा रहा था कब्जा मुक्त
ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी भिलाई चरोदा निगम प्रशासन को नहीं थी, पर निगम प्रशासन इन जमीन को कब्जा मुक्त नहीं करा पा रहा था, वजह रसूखदारों की पहुंच थी। जब भी निगम नोटिस भेजता सत्ता के गलियारों से फोन बज उठते। निगम प्रशासन बेबसी में कदम वापस खींच लेता।
-मोहल्लेवासियों का सहयोग मिला तभी यह संभव हो पाया।
-अर्पणा दास गुप्ता, पार्षद
नगर निगम भिलाई-चरोदा
-पार्षद के प्रयास की मैं प्रसंशा करता हूं। उन्होंने निगम की जमीन को कब्जा मुक्त कराया।
-विजय बघेल, सांसद, दुर्ग
-महिला पार्षद ने बता दिया कि महिलाओं में कितना साहस होता है।
-चंद्रकांता मांडले, महापौर
नगर निगम भिलाई चरोदा
-पार्षद व मोहल्ले के लोगों ने काफी हिम्मत दिखाई, हमारा राह आसान हुआ।
-कीर्तिमान सिंह राठौर, आयुक्त
नगर निगम भिलाई चरोदा