कोरोना टीकाकरण पर पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां वैक्सीन की चोरी हो जाती है। वैक्सीन की पूरी की पूरी खेप गायब हो जाती है। इतना ही नहीं अपात्रों और कांग्रेस पार्टी के नेताओं को वैक्सीन लग जाती है और पात्र लोग लाइन लगाए खड़े रहते हैं।
कांग्रेस सरकार का दोहरा चरित्र देखिए, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधानसभा में कहते हैं कि प्रदेशवासियों को मुफ्त वैक्सीन लगाई जाएगी और अब इनकी पार्टी के अध्यक्ष केंद्र सरकार मांग कर रहे हैं। राहुल गांधी का दोहरा चरित्र सामने आ रहा है। आठ अप्रैल को पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहते हैं कि वैक्सीन खरीदी और वितरण में राज्यों को अधिक हिस्सेदारी दी जानी चाहिए।
अब जब केंद्र ने राज्यों को जिम्मेदारी दे दी तो अपने बयान से कांग्रेस यू-टर्न लेते हुए बार-बार कह रही है कि केंद्र सभी टीके खरीदकर राज्यों को दे। डा. रमन ने कहा कि कांग्रेस ने पहले कोरोना को लेकर भ्रम फैलाया, अब वैक्सीन को लेकर डर का माहौल बनाया जा रहा है। जब भारत में निर्मित कोवैक्सीन आई, तब कांग्रेस नेता शशि थरूर, जयराम रमेश, टीएस सिंहदेव ने झूठ फैलाया। तब प्रधानमंत्री ने आगे आकर खुद कोवैक्सीन लगवाकर सभी सवालों पर पूर्ण विराम लगाया।
अब तक सिर्फ 65 फीसद को लगा टीका
डा. रमन ने कहा कि केंद्र सरकार के मुफ्त टीका देने के बावजूद प्रदेश सरकार अब तक 88 प्रतिशत स्वास्थकर्मियों को ही टीके लगवा पाई है। फ्रंटलाइन वर्कर की बात करें तो 86 प्रतिशत को पहली खुराक मिली है। 45 से अधिक आयु वालों के टीकाकरण में तो भूपेश सरकार का प्रबंधन और भी अधिक खराब है। चार जून तक उपलब्ध आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अब तक केवल 65 प्रतिशत लोगों का ही टीकाकरण हुआ है, जबकि इनके लिए भी टीके केंद्र सरकार ने मुफ्त उपलब्ध कराए हैं।