कांकेर नक्सली बनकर डकैती डालने पहुंचे बदमाशों के दो अन्य साथियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए डकैतों में एक CAF (छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स) का जवान है। वह राजनांदगांव की 8वीं बटालियन में पदस्थ है और 3 माह से कैंप से लापता था। इस मामले में ग्रामीण 3 आरोपियों को पकड़ कर पहले ही पुलिस को सौंप चुके हैं। सभी आरोपी फर्जी नक्सली बनकर लूटपाट कर रहे थे।
जानकारी के मुताबिक, गुरदाटोला गांव निवासी चमरू कवाची के घर 10 जनवरी की रात करीब 2 बजे कुछ लोग पहुंचे और दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खुलते ही हाथ में नकली बंदूक, फरसा, आरी ब्लेड और अन्य हथियार लिए 5 लोग लाल सलाम कहते हुए घर में घुस गए। बदमाशों ने डेढ़ लाख रूपए की मांग की थी। उनके हाव-भाव देख चमरू और उसका भाई चमरा उनसे भिड़ गए। इसके बाद 3 डकैतों को ग्रामीणों के सहयोग से पकड़ लिया था।
आरोपियों में राजनांदगांव निवासी संतोष गुप्ता और बालोद निवासी शिवा ठाकुर व जितेंद्र कुमार रामटेके शामिल हैं। इनमें जितेंद्र कुमार रामटेके CAF का जवान है। जबकि बदमाशों के दो अन्य साथी वहीं अपनी बाइक छोड़कर भाग निकले।
पकड़े गए आरोपियों से मिले मोबाइल नंबर और बाइक के नंबर तक पुलिस भागे हुए बदमाशों तक पहुंची। दोनों आरोपियों की पहचान कोड़ेकुर्से के उईकाटोला निवासी सेवराम जाड़े और प्रवीण तारम के रूप में हुई।पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों को उनके घर से ही गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी सेवराम के पास चाकू व प्रवीण के पास नकली बंदूक बरामद की गई। बताया जा रहा है कि संतोष गुप्ता, शिवा ठाकुर व जितेंद्र कुमार रामटेके करंट मारने वाले सिक्के की तलाश में कोड़ेकुर्से आते थे। यहीं पर उनकी पहचान प्रवीण और सेवाराम से हुई।
इसके बाद पांचों नकली नक्सली बनकर लूटपाट करने लगे। इस दौरान आरोपियों ने 7 ग्रामीणों को निशाना बनाया।SP शलभ सिन्हा ने बताया कि नक्सली बन लूटपाट करने वाले फरार दोनों आरोपियों को भी पकड़ लिया गया है।
पहले पकड़े गए आरोपी में CAF का एक जवान भी शामिल है। वह तीन माह से लापता था। उसके बारे में बटालियन में सूचना दे दी गई है। अन्य मामलों में भी ग्रामीणों से हुई लूटपाट को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है।