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भाजपा नेताओं के आंदोलन से हुई परेशानी ,CM ने जनता से मांगी माफी

रायपुर 24 अगस्त को रायपुर में बेरोजगारी के मुद्दे पर भाजपा ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान शहर के प्रमुख रास्तों को बंद कर दिया गया था। पुलिस और भाजपा नेताओं के बीच झड़प हुई। नेताओं और पुलिसकर्मियों के घायल होने की तस्वीरें भी सामने आईं। ये विवाद अब नया मोड़ ले चुका है। अब आंदोलन की वजह से जनता को जो परेशानी हुई उसको लेकर खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल माफी मांग रहे हैं।

जनता के नाम एक बयान जारी करते हुए CM बघेल ने कहा है- छत्तीसगढ़ के राजनैतिक इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि, किसी पार्टी के कार्यकर्ता गालियां दे देकर पुलिस को लाठीचार्ज के लिए उकसाते रहे और हमारे जवान मुस्कुरा कर विनती करते रहे। यह है हमारे छत्तीसगढ़िया संस्कार।  ये कांग्रेस पार्टी है साहब, हम गांधीवादी लोग हैं। गांधीगिरी का इससे अच्छा उदाहरण क्या हो सकता है?

छत्तीसगढ़िया नागरिक होने की हैसियत से मुझे कल बहुत शर्मिंदगी हुई जब मैंने देखा कि भाजपा के कार्यकर्ता पुलिस पर लाठी भांज रहे थे। हमारी महिला पुलिस की बच्चियां लाठी खाती रहीं, गालियां सुनी लेकिन अपने कर्तव्य पर डटी रहीं। मैं उन्हें बधाई देता हूं कि इस बर्बर व्यवहार के बाद भी उन्होंने संयम रखा।

मैं आपसे पूछता हूं, क्या पुलिस जवानों को गाली देना, मारना छत्तीसगढ़ की संस्कृति है? ये पहली बार नहीं हुआ है, भाजपा के लोग पिछले एक साल से लगातार प्रयासरत हैं कि कैसे भी ये पुलिस को उकसाये, जनता को उकसाया, ताकि प्रदेश में हिंसा हो, शांति भंग हो। वो तो साधुवाद है हमारी पुलिस को, जिन्होंने संयम का अनूठा उदाहरण पेश किया है। वैसे मुझे हंसी भी आती है, जब मैं पीसीसी अध्यक्ष था तब भी ये लोग मेरे घर में पत्थर फेंकते थे, कालिख पोतते थे और आज मैं मुख्यमंत्री हूं तब भी ये यही कर रहे हैं।

कारण सरल है, ये अंतर है उनकी उत्तेजक मानसिकता और हमारी छत्तीसगढ़िया संस्कृति में। मैंने विपक्ष में रहते हुए इनके दमन को सहा है, मेरी आवाज दबाने का भरसक प्रयास किया गया था। मैंने उसी समय प्रण किया था कि मैं छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र की सदैव रक्षा करूंगा। आज मैं इनके कार्यकर्ताओं का भी मुख्यमंत्री हूं, मैं हमेशा इनके विरोध करने के संवैधानिक अधिकार का भी संरक्षण करूंगा।

उस समय को याद करिए जब बिलासपुर में कैसे इन्होंने कांग्रेस भवन के अंदर जाकर हमारे कार्यकर्ताओं के साथ अकारण हिंसा की थी। उस समय, उनके राज में विरोध करने का अधिकार बचा कहां था। भाजपा की तो मानसिकता कहें या मास्टर प्लान कहें, वह यही है कि जब तक लाठीचार्ज नहीं होगा, आंसू गैस के गोले नहीं फोड़े जाएंगे, वॉटर कैनन नहीं चलेगा, परिवर्तन नहीं होगा।

इनका मुद्दा बेरोजगारी तो कभी था ही नहीं, इनका मुद्दा था इसके बहाने पुलिस को उकसाए, लाठी खाए, माहौल बनाए और फिर लाठीचार्ज ही मुद्दा बन जाए। ये भूल गए कि यहां छत्तीसगढ़िया सरकार है, लोकतंत्र अभी जिंदा है। मैंने अपनी पुलिस से यही कहा था, हमें दिखाना है छत्तीसगढ़िया संस्कार क्या होते हैं। विपक्ष को बोलने दीजिए। मुझे पता है कि कल जनता को इस प्रदर्शन से कितनी असुविधा हुई, नन्हें बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हुआ। इसके लिए मैं मेरी जनता से क्षमा प्रार्थी हूं।

इस पूरे मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा- कांग्रेस सुन लें! तुम्हारे दवाब से, तुम्हारे दमन से, तुम्हारी फर्जी FIR से, भाजपा के कार्यकर्ता डरने वाले नहीं हैं, न ये विरोध की आवाजे बंद होने वाली हैं। सनद रहे! डॉ रमन अपने हर कार्यकर्ता के साथ खड़ा है, किसी को भी प्रताड़ित करने की कोशिश हुई तो ईट से ईट बजा देंगे।

दूसरी तरफ भाजपा ने इस पूरे मामले को कांग्रेस के इशारे पर पुलिस की गुंडई करार दिया है। दावा किया गया है कि 24 अगस्त को रोजगार देने की मांग लेकर निकले नेताओं को पुलिस ने लाठियों से पीटा है। दर्जनों नेताओं को चोट आई है। कई अस्पताल में दाखिल हैं। प्रदेश भाजपा के नेता बृजमोहन, ने आंदोलन के बाद की जा रही कार्यकर्ताओं पर FIR करने को डराने का नया तरीका बताया है।

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