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डॉक्टरों ने जटिल ऑपरेशन कर चेहरे को किया ठीक

बिलासपुर  सिम्स अस्पताल के डॉक्टरों ने एक हादसे में घायल युवक के चेहरे को विकृत (बेडौल) होने से बचा लिया। दरअसल, हादसे में घायल युवक के नाक, मुंह, जबड़ा और आंखों के चारों तरफ की हडि्डयां पूरी तरह से टूट चुकी थी। डॉक्टरों ने 8 घंटे के जटिल ऑपरेशन के बाद स्क्रू और प्लेट लगाकर उसके चेहरे को ठीक कर दिया। अभी युवक का ICU में उपचार चल रहा है।

सिम्स के दंत रोग विभाग के एचओडी डॉ. संदीप प्रकाश ने बताया कि सकरी क्षेत्र के काठाकोनी निवासी(40) वर्षीय युवक बीते दिनों सड़क हादसे में घायल हो गया था। इससे उसके चेहरे की हड्डियां चूर चूर हो गई थी। जिसमें मरीज के माथे की हड्डी, नाक की हड्डी, ऊपरी हड्डी, निचले जबड़े की हड्डी, दोनों आंखों के चारों ओर की हडि्डयों का पता ही नहीं चल रहा था। ऐसे में उसकी जान को बचा पाना बहुत कठिन लग रहा था। तब डॉक्टर संदीप ने ब्लड सैंपल लेकर उसकी जांच कराई और 3D CT फेस करने के बाद ऑपरेशन का फैसला लिया।

3 मार्च को 7-8 घंटे तक ऑपरेशन कर क्षत- विक्षत चेहरे को स्क्रू और प्लेट लगाकर फिर से जोड़ा गया। ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ. संदीप प्रकाश विभागाध्यक्ष के साथ डॉ. जंडेल सिंह, डॉ. भूपेंद्र कश्यप, डॉ. हेमलता राजमणि, डॉ प्रकाश खरे, डॉ. सोनल पटेल एवं निश्चेतना विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश निगम के साथ डॉ. भावना रायजादा और अन्य डाक्टरों तथा नर्सिंग स्टाफ शामिल रहे।

50 स्क्रू और 18 प्लेट लगाकर किया गया घायल युवक का ऑपरेशन

डॉ. संदीप प्रकाश ने बताया कि इलाज के बाद युवक की जान बचाई जा सकती थी। लेकिन, उसका चेहरा विकृत हो जाता। ऐसे में ऑपरेशन कर उसके चेहरे को ठीक करना जरूरी था। उन्होंने बताया कि 50 स्क्रू और 18 प्लेट लगाकर करीब 8 घंटे तक ऑपरेशन किया गया। इलाज के बाद अब उसका चेहरा पहले जैसे दिखने लगेगा।

 पहले उन्होंने घायल युवक के चेहरे का 3-D CT स्कैन कराया, तब पता चला कि उसके चेहरे की हडि्डयां चूर-चूर हो गई हैं। इसके बाद उन्होंने हड्डियों को जोड़ने के लिए ऑपरेशन का फैसला किया। सबसे पहले सांस लेने के लिए मरीज के मुंह से ट्यूब डाला। जिसे गले के पिछले यानी पीठ के थोड़ा ऊपर चीरा लगाकर निकाला, ताकि चेहरे पर किसी तरह के दाग न आएं।

दूसरा चीरा एक कान से दूसरे कान के पास लगाया। इसके बाद पूरा चेहरा नीचे की ओर यानी होंठ की तरफ खींच लिया। ऐसा करने से मरीज का नाक, जबड़ा और टूटी सभी हड्डियां दिखने लगीं। इसके बाद जहां-जहां फ्रैक्चर दिखा उसे स्क्रू और प्लेट से जोड़ते चले गए। डॉक्टर ने बताया कि स्क्रू और प्लेट छह महीने बाद निकाल भी सकते हैं।

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