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अजीबोगरीब परंपरा: शादी में दुल्हन का सिर मुंडवा के सिर और सीने पर थूककर पिता देता हैं बेटी को आशीर्वाद

आजकल शादियों का सीजन चल रहा है, लोग अपनी-अपनी मान्यताओं और तौर तरीकों के हिसाब से शादी के बंधन में बंध रहे हैं. भारत में अलग-अलग धर्मों, जातियों की अपनी मान्यताएं हैं जिसके आधार पर शादी होती है, उसी प्रकार दुनिया के अलग-अलग देशों और समुदायों में भी शादी को अलग परंपरा से अंजाम दिया जाता है. पर केन्या और तंजानिया के कुछ इलाकों में शादी से जुड़े ऐसे रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है जो सुनने में बेहद अजीबोगरीब होते हैं. यहां दुल्हन का सिर मुंडवा दिया जाता है, दूल्हा वधु पक्ष को दहेज देता है और दुल्हन का पिता अपनी ही बेटी के सीने पर थूकता है.

मीडियम वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार उत्तरी-मध्य और दक्षिणी केन्या के साथ उत्तरी तंजानिया में मसाई जनजाति के लोग रहते हैं. ये अफ्रीका की पुरानी और प्रसिद्ध जनजाति है. इस जनजाति के लोग खूंखार योद्धा माने जाते हैं और उनकी मान्यताएं और परंपराएं बेहद खास होती हैं. हालांकि, बाकी की दुनिया को ये मान्यताएं अजीबोगरीब लगती हैं. शादी से जुड़ी ऐसी ही अनोखी परंपराएं यहां होती हैं.

काफी अजीबोगरीब है परंपरा
मसाई परंपरा में इंसान पर थूकना शुभ माना जाता है. ये मिलने का, सम्मान जताने का एक तरीका है और ऐसा कर के लोग एक दूसरे के प्रति प्यार और इज्जत दर्शाते हैं. बस इसी वजह से इस जनजाति के लोगों में थूकना आम बात होती है. शादी वाले दिन सबसे पहले दूल्हा, दुल्हन और उसके परिवार को दहेज देता है. दुल्हन का परिवार जब उसे अपना लेता है तो आगे की रस्में शुरू की जाती हैं.

बेटी के ऊपर थूकता है पिता
दुल्हन का सिर मुंडवा दिया जाता है. उसके बाद उसे उस जगह पर ले जाया जाता है जहां परिवार के बुजुर्ग बैठे रहते हैं. वहां जाकर बेटी अपने पिता के सामने घुटनों पर बैठती है और उनसे आशीर्वाद मांगती है. इस मौके पर पिता और परिवार के अन्य बुजुर्ग बेटी के सीने पर थूकते हैं, साथ ही माथे पर भी थूक लगाते हैं. इस तरह वो अपना आशीर्वाद और शुभकामनाएं बेटी को देते हैं. थूकने की इस रस्म से माना जाता है कि बेटी की जिंदगी में सब कुछ शुभ और मंगलमय होगा. इसी प्रकार ये थूकने की प्रथा बच्चा पैदा होने पर भी होती है जब लोग नवजात बच्चे के माथे पर थूकते हैं. मसाई परंपरा में थूकना अभिवादन का रूप है, प्रियजनों को विदाई देने के लिए भी काम आता, क्योंकि थूक से ही किसी व्यक्ति के प्रति स्वीकृति और सम्मान का दर्शाया जाता है, जिसके ऊपर थूक गिरता है.

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