कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी आने के साथ दिल्ली और मुंबई इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। शोधार्थियों ने गुरुवार को बताया कि यहां वायरस के फैसले की रफ्तार प्रदर्शित करने वाली आर वैल्यू (रिप्रोडक्शन वैल्यू) दो से अधिक हो गई है। इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमैटिकल साइंसेज चेन्नई के शोधार्थियों के अध्ययन में सामने आया है कि चेन्नई, पुणे, बेंगलुरु और कोलकाता में आर वैल्यू एक से अधिक है।
अध्ययन टीम की अगुवाई करने वाले सिताभरा सिन्हा ने बताया कि दिल्ली में 23 से 29 दिसंबर के बीच आर वैल्यू 2.54 पर थी। वहीं, मुंबई में 23 से 28 दिसंबर के बीच यह 2.01 थी। दोनों शहरों में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी देखी गई है। पुणे और बेंगलुरु में आर वैल्यू 1.11 दर्ज की गई। कोलकाता में आर वैल्यू 1.13 और चेन्नई में 1.26 रही। इन सभी शहरों में आर वैल्यू अक्तूबर मध्य से एक से ज्यादा है।
दिल्ली और मुंबई में आर वैल्यू का दो के ऊपर चले जाना चौंकाने वाला है। दिल्ली में बुधवार को कोरोना वायरस के 923 नए मामले सामने आए थे। यह संख्या 30 मई के बाद सबसे अधिक थी और एक दिन पहले के मुकाबले मामलों की संख्या करीब 86 फीसदी ज्यादा थी। यहां पर पॉजिटिविटी रेट भी छह महीने के बाद एक फीसदी के आंकड़े को पार करते हुए अब 1.29 फीसदी पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में बुधवार को कोरोना संक्रमण के 2510 नए मामले दर्ज किए गए थे। यह संख्या आठ मई के बाद सबसे अधिक रही। 20 दिसंबर को मुंबई में केवल 283 मामले सामने आए थे। वहीं, मंगलवार को देश की आर्थिक राजधानी में सामने आने वाले नए मामलों की संख्या 1377 रही थी, जो बुधवार को 80 फीसदी और अधिक हो गई। दोनों ही शहरों में ओमिक्रॉन से संक्रमण के मामले भी लगातार बढ रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार आर वैल्यू का बढ़ना एक बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है। किसी स्थान पर आर वैल्यू एक से कम होने का मतलब है कि वायरस के फैलने की गति वहां पर धीमी हो गई है। देश में जनवरी-फरवरी में तीसरी लहर आने की आशंका है।