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शिवनाथ नदी खतरे के निशान से 15 फीट ऊपर,27 कॉलोनियां, कई गांव डूबे

दुर्ग कई दिनों से लगातार हो रही बारिश और दुर्ग संभाग के कई डैम से लगातार छोड़े जा पानी से शिवनाथ नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है। मंगलवार को शिवनाथ का जल स्तर खतरे के निशान से 15 फीट ऊपर चल रहा था। 3 दिनों में डैम से 1.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे दुर्ग में पुलगांव चौक तक शिवनाथ नदी का पानी भर गया। इसमें नदी किनारे बसी 27 कॉलोनियां और कई गांव जलमग्न हो गए। लोगों को बचाने के लिए SDRF की टीम लगी रही।

पिछले तीन दिनों में जिले में 72.6 एमएम बारिश हुई। इसके साथ ही मोगरा बैराग, सूखा नाला, घुमरिया जलाशय समेत तांदुला और खरखरा डैम से 1.15 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है। इससे शिवनाथ नदी का जलस्तर मंगलवार को अब तक के इतिहास में सबसे अधिक रहा। वहीं दुर्ग के पुलगांव क्षेत्र अंतर्गत ऋषभ कॉलोनी और महेश कॉलोनी समेत, डी मार्ट व रिलायंस पेट्रोल पंप तक पानी में डूब गए। लगातार पानी छोड़े जाने की वजह से लगातार नदी का जल स्तर बढ़ रहा है। इसकी वजह से पुलगांव, पुलगांव चौक, पुलगांव नाला, भारती विश्वविद्यालय, डी-मार्ट, महमरा तक पानी भर गया। दुर्ग शहर के नदी किनारे बसी 27 कॉलोनियों में पानी भर गया। चंगोरी और आलबरस गांव टापू बन गया। झेंझरी, हरदी, कोनारी, सगनी घाट, सहगांव पहले ही पानी से घिरे हुए हैं।

शिवनाथ नदी में खतरे के निशान से 15 फीट ऊपर पानी चलने से राजनांदगांव और बालोद मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। वहीं दुर्ग में पुलगांव चौक पुल के दोनों तरफ पानी भरने की वजह से मंगलवार सुबह अंजोरा, सोमनी वाया राजनांदगांव मार्ग बंद हो गया था। इसके कुछ देर बाद पानी पुलगांव चौक पुल पर भरने लगा। इससे अंडा, गुंडरदेही, बालोद और दल्ली-राजहरा मार्ग बंद हो गया। राजनांदगांव और दल्ली-राजहरा जाने वालों को नेहरू नगर बाइपास से राजनांदगांव होते हुए जाना पड़ा।

ईंट भट्ठा में काम करने वाले कुछ मजदूर जलभराव के चलते फंस गये थे। एसडीआरएफ की टीम ने इन सभी को सुरक्षित निकाला। कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र भरदा, आलबरस आदि गांवों का निरीक्षण किया। कलेक्टर भरदा स्कूल जाकर ईंट भट्टे में काम करने बाढ़ प्रभावित मजदूरों से मिले। उन्होंने बताया कि वह 40 लोग थे। सभी बाढ़ में फंस गये थे। एसडीआरएफ की टीम ने वोट की मदद से ग्राम अलबरस में फंसे 25 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसमें एक नवजात शिशु भी था।

जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावितों के लिए किए ये कार्य

  • नदी का जल स्तर बढ़ने से भोथली, रूदा, खाड़ा व आलबरस गांव के पहुंच मार्ग बंद हो गए हैं। जिला प्रशासन की मदद से ग्राम स्तर पर आवश्यक व्यवस्था कर ली गई है।
  • ग्राम भोथली में राजस्व, पंचायत, स्वास्थ्य विभाग तथा एसडीआरएफ की को टीम भेजा गया था।
  • ग्राम आलबरस के डुबान क्षेत्र में फंसे कुल 25 लोगों को बचाने के लिए एसडीआरएफ की टीम को भेजा गया। सभी लोग सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए हैं।
  • ग्राम भरदा में डुबान क्षेत्र अंतर्गत ईंट भट्ठे में फंसे कुल 30 व्यक्तियों को एसडीआरएफ की टीम भेजकर बचाया गया और उन्हें प्राथमिक शाला भरदा में ठहराया गया है। पंचायत द्वारा इनके खाने पीने की व्यवस्था की जा रही है।
  • चारों तरफ बाढ़ से प्रभावित होने के कारण ग्राम चंगोरी रोड मार्ग से पहुंच विहीन हो गया है। जिला प्रशासन ने गांव में पंचायत स्तर पर आवश्यक व्यवस्था करवाई है।
  • बाढ़ के चलते पीसेगावं पहुंच विहीन हो गया है। इस गांव में भी ग्राम स्तर पर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है।
  • बाढ़ के चलते डांडेसरा गांव भी पहुंच विहीन हो गया है। यहां भी ग्राम पंचायत स्तर पर आवश्यक व्यवस्था की गई है।
  • बाढ़ के चलते अरसनारा गांव में भी तीन लोग डुबान क्षेत्र में फंस गए थे। इन्हें रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
  • कोलिहापुरी गांव भी बाढ़ के दौरान जलमग्न हो गया था। इससे यहां फंसे 45 लोगों को बाहर निकालकर फुलगांव वार्ड क्रमांक 55 में दुर्ग नगर निगम द्वारा ठहराया गया है।
  • पीपरछेड़ी गांव में बाढ़ से प्रभावित कुल 25 व्यक्तियों को ग्राम पंचायत भवन में सुरक्षित ठहराया गया है। इन सभी के घरों में नदी का पानी भर गया है।

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