मेरठ: शादी के बाद प्रत्येक दंपति का एक ही सपना होता है कि उनके घर संतान का जन्म हो. जिसका वह अच्छे से लालन-पालन कर सकें. लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि संतान सुख पाने के लिए कपल्स को लंबा इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में तब भी कुछ लोगों को निराशा हाथ लगती है. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे आयुर्वेदिक औषधीय के बारे में बताएंगे. जिसको आयुर्वेद में पुत्रजीवक पौधा के नाम से जाना जाता है. आयुर्वेद के अनुसार संतान प्राप्ति में यह पौधा बेहद असरदार है.
बॉटनी डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष व मेडिसिन पौधों के एक्सपर्ट के अनुसार पुत्रजीवक औषधि में ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं. जो महिला व पुरुष में अगर किसी भी प्रकार की कोई कमी होती है. जिस कारण संतान उत्पत्ति में समस्या आ रही है. तो उसका निवारण करने में मदद करता है.
इस तरह पहुंचाता है फायदा
प्रोफेसर बताते हैं कि आयुर्वेद में ऐसे कई औषधि पौधे है, जो कई तरह की गंम्भीर बीमारियों को ठीक करने में सहायक है. ऐसा ही एक पौधा पुत्रजीवक है, जो हजारों वर्षों से लोगों को इस गंम्भीर समस्या से निजात दिला रहा है. आगे वह बताते हैं कि यह औषधि कब्ज, ल्यूकोरिया, गर्दन में दर्द, सर्दी, जुकाम, बुखार, मिसकैरेज, महिला में बांझपन आदि कई समस्याओं को दूर करने में सहायक मानी जाती है. उन्होंने बताया कि इसमें ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं. जो संतान प्राप्ति के लिए काफी उपयोगी है.
प्रत्येक कण में छुपे हैं औषधि गुण
इस पेड़ के बीच में ऐसे गुण पाए जाते हैं. जो गर्भाशय को विषरहित करने के लिए सहायक दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. आगे वह बताते हैं कि इसका बीज गर्भपात और अंडाशय की कार्यों को बेहतर बनाने में मदद करता है. उन्होंने बताया कि पुत्रजीवक बीज की गिरी को दूध के साथ मासिक दिनों में उपयोग कर सकते हैं. इसी के साथ-साथ इसकी पेड़ की छाल, पत्तियां और जड़ को पानी में पीसकर दिन में एक से दो बार तीन सप्ताह लेने से महिलाओं में असामान्य रूप से रक्तस्त्राव होता है. उसे रोकने में सहायक माना जाता है. बताते चलें इसका उपयोग पुरुष व महिला दोनों कर सकते हैं.
नोट :- उपयोग से पहले डॉक्टर की सलाह जरुर ले