



देश में कोरोना (Corona) की दूसरी लहर (Corona Second Wave) के बीच ब्लैक फंगस (Black Fungus) के बढ़ते मामलों ने भी देश की धड़कन बढ़ा दी है. ब्लैक फंगस का खतरा इस कदर बढ़ गया है कि कई लोगों को इस बीमारी से अपनी जान तक गंवानी पड़ी है. यही कारण है कि कई राज्यों नेब्लैक फंगस को भी एक महामारी घोषित कर दिया है. ब्लैक फंगस को लेकर एक नई जानकारी मिली है, जिसमें बताया गया है कि मधुमेह रोगियों और ज्यादा स्टेरॉयड लेने वालों को ही नहीं एक और बड़े कारण के चलते लोग ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं.



पहले कहा गया था कि जिन कोरोना मरीजों को ज्यादा स्टेरॉयडदिया गया है उनमें ही ब्लैक फंगस का असर देखने को मिल रहा है. लेकिन अब पता चला है कि सिर्फ स्टेरॉयड ही ब्लैक फंगस के लिए जिम्मेदार नहीं है. बल्कि अगर साफ-सफाई पर ध्यान ना दिया जाए तो भी ब्लैक फंगस का खतरा भी बढ़ जाता है.एक्सपर्ट की ओर से ऐसा दावा किया जा रहा है कि कोरोना मरीजों को जिस तरह से ऑक्सीजन दी जा रही है उससे भी ब्लैक फंगस के बढ़ने का खतरा बढ़ गया है.

ऐसा माना जा रहा है कि देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे थे और ऑक्सीजन की डिमांड काफी ज्यादा हो गई थी. उस वक्त ऑक्सीजन की सप्लाई के दौरान उसकी साफ सफाई का ध्यान बिल्कुल भी नहीं रखा जा सका. कई बार उन्हें डिसइंफेक्ट भी नहीं किया जाता था. उसी वजह से ब्लैक फंगस का खतरा पैदा हुआ है
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