महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की कृपा पाने के लिए रुद्राभिषेक का विधान है। श्रद्धालु राशिवार बाबा का रुद्राभिषेक करके समस्त बाधाओं से मुक्ति पा सकते हैं। इस बार महाशिवरात्रि पर्व पंचग्रही योग मकर राशि पर बन रहा है। इसके साथ ही मकर राशि पर चंद्रमा, मंगल, बुध, शुक्र और शनि की युति बन रही है, ऐसा संयोग प्राय: 65 वर्ष बाद प्राप्त हो रहा है।
आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि हमारे शास्त्रों में वर्णन है कि पूरे वर्ष में 11 मास शिवरात्रि एवं जो फाल्गुन कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि है वहां महाशिवरात्रि के नाम से विख्यात है। जिस दिन बाबा भूत भावन भोलेनाथ का शुभ मंगल विवाह उत्सव पार्वती जी के साथ संपन्न हुआ था। सभी देवता देव हैं। लेकिन भोलेनाथ देव नहीं अपितु महादेव हैं।
उनकी तपस्या एवं पूजा अर्चना करके कठिन से कठिन कार्य सरल हो जाते हैं और समस्त प्रकार के ग्रह आदि बाधाओं से भी मुक्ति पा सकते हैं। राशिवार रुद्राभिषेक करके समस्त बाधाओं से मुक्ति मिल सकती है। जिन लोगों की राशि का ज्ञान नहीं है वह लोग अपनी कामना के अनुसार भी रुद्राभिषेक करा सकते हैं।