रायपुर: बड़े स्तर पर छापेमार कार्रवाई हुई। यहां ईडी के दस्ते ने सुबह सात बजे से कई राजनेताओं और व्यवसायियों से जुड़े 40 स्थानों पर रेड डालीं। छापेमारी का आगाज राजधानी रायपुर से किया गया। इस कार्रवाई के अगले दिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सूत्रों ने कहा कि उन्होंने 4 करोड़ रुपये नकद, करोड़ों के कीमती सामान और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, जिन ठिकानों पर छापे मारे गए, वे कथित तौर पर सीएम और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के करीबी हैं। हालांकि, इस बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। ED के सूत्रों के मुताबिक, कुछ लोग राज्य में कोयले की हर आवाजाही के लिए 25 रुपये प्रति टन का अवैध कमीशन लेते थे। उन्होंने कहा कि आयोग को सूर्यकांत तिवारी, बादल मक्कड़ जिला कांग्रेस अध्यक्ष और अन्य सरकारी पदाधिकारियों के नेतृत्व में एक कार्टेल ने लिया था।
करोड़ों की नकदी बरामद
उन्होंने पिछले साल औसतन 500 करोड़ रुपये एकत्र किए थे। ईडी की कई टीमों ने मंगलवार सुबह पांच बजे से छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी सरकारी अधिकारियों, नेताओं और कारोबारियों की 40 संपत्तियों पर छापेमारी की। वे आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले की जांच कर रहे थे।
केंद्रीय मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी की टीमों ने दुर्ग में सौम्या चौरसिया, रायपुर के देवेंद्र नगर में सीए विजय मालू, रायगढ़ में कलेक्टर रानू साहू के आवास, महासमुंद में अग्नि चंद्राकर, अनुपम नगर, रायपुर में सूर्यकांत तिवारी और खनन प्रमुख से संबंधित कई ठिकानों पर छापेमारी की। रायपुर में आईएएस जेपी मौर्य, जो रानू साहू के पति हैं।
महासमुंद जिले में नेताओं और कारोबारियों से जुड़े ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है। विकास निगम के अध्यक्ष और अग्नि चंद्राकर के पूर्व विधायक, लक्ष्मीकांत तिवारी, सूर्यकांत तिवारी के करीबी अजय नायडू, जिला कांग्रेस अध्यक्ष बादल मक्कड़ और रियल एस्टेट व्यवसायी सनी लूनिया जांच के दायरे में हैं।ईडी के एक दर्जन से अधिक अधिकारी सुबह रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के आवास पर पहुंचे।
सूत्रों ने बताया कि ED की अलग-अलग टीमों ने सुबह राज्य की राजधानी रायपुर, रायगढ़, महासमुंद, कोरबा समेत अन्य जिलों में छापेमारी शुरू की।