प्रतापगढ़ एसडीएम लालगंज द्वारा पिटाई से घायल नायब नाजिर सुनील कुमार शर्मा की शनिवार की रात मौत हो गई। उन्हें देर शाम जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था। उनकी मौत की खबर पर प्रदेश के कई जिलों से कर्मचारी नेता रात में आ गए और ऑपरेशन थिएटर का दरवाजा खोलने के लिए पुलिस से धक्का-मुक्की करने लगे।
मौत की सूचना के बाद स्थिति बिगड़ गई और कई थानों की फोर्स जिला अस्पताल पहुंच गई। एसडीएम लालगंज के खिलाफ देर रात तक हंगामा होता रहा। हालात को नियंत्रण में करने की कोशिश होती रही। शासन से अनुमति पर देर रात डीएम ने एसडीएम लालगंज ज्ञानेंद्र विक्रम को हटाने का आदेश जारी किया। इसके बाद भी बवाल होता तो रात में एसडीएम लालगंज के खिलाफ कत्ल का मुकदमा लिखा गया। इसके बाद कर्मचारियों का गुस्सा शांत हो गया। डीएम ने कहा कि पोस्टमार्टम रात में ही कराया जाएगा।
तहसील के सरकारी आवास में रहने वाले नायब नाजिर सुनील कुमार शर्मा (58) और एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह के बीच बुधवार की रात कहासुनी हो गई थी। दोनों के बीच हाथापाई और फिर मारपीट हो गई थी। गुरुवार को नायब नाजिर सुनील कुमार शर्मा ने लालगंज तहसील में पहुंचकर अधिवक्ताओं व कर्मचारियों को अपनी पीठ पर चोट के निशान दिखाकर एसडीएम की बर्बरता की कहानी सुनायी थी। उसकी हालत देखकर कर्मचारियों में आक्रोश छा गया था।
इसी बीच गुरुवार की शाम सुनील कुमार शर्मा हालत बिगड़ने पर प्रशासनिक अधिकारियों ने नायब नाजिर को लालगंज स्थित ट्रामा सेंटर में भर्ती करा दिया था।शनिवार दोपहर बाद हालत बिगड़ने पर उसे वहां से जिला अस्पताल के लिए रेफर करने की औपचारिकता पूरी हो ही रही थी कि नायब नाजिर की सांसें उखड़ने लगीं। उसे जिला अस्पताल के आपरेशन थियेटर में ले जाया गया, वहां पर उनकी रात नौ बजे मौत हो गई। इसी दौरान कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के अध्यक्ष केडी त्रिपाठी के नेतृत्व में शनिवार की रात आठ बजे बड़ी संख्या में राज्य कर्मचारी अस्पताल पहुंच गए।
आक्रोशित कमर्चारियों का आक्रोश फूट पड़ा। तोड़फोड़ शुरू कर दी। पुलिस ने किसी तरह नायब नाजिर के शव को एबंलुेंस से हटाने की कोशिश की तो कमर्चारी एबंलुेंस के आगे लेट गए। देर रात तक इसी तरह हंगामा चलता रहा। वहीं मौके पर कोई भी आला अधिकारी नहीं पहुंचे थे। कमर्चारियों का कहना था कि जब तक एसडीएम लालगंज ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं हो जाती, तब तक शव को अस्पताल से नहीं ले जाने देंगे। एसडीएम को हटाने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने का प्रयास हुआ तो कर्मचारी फिर हंगामा करते हुए एंबुलेंस के सामने आ गए।
प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी डा. नितिन बंसल ने एसडीएम लालगंज ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह के खिलाफ नायब नाजिर की पिटाई के मामले की जानकारी शासन और चुनाव आयोग को दी थी। वहीं शनिवार को जैसे ही नायब नाजिर की मौत हुई तो इसकी जानकारी जिलाधिकारी द्वारा शासन व चुनाव आयोग को दोबारा दी गई।
एमएलसी चुनाव के कारण चुनाव आचार संहिता लगी है, ऐसे में जिलाधिकारी स्वयं कोई कार्रवाई नहीं कर सकते थे। देर रात आयोग से मिले निर्देश के बाद जिलाधिकारी डा. नितिन बंसल ने एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह को लालगंज से हटाकर अतिरिक्त में भेज दिया।
नायब नाजिर के शव को एंबुलेंस से भेजा जाने लगा तो कर्मचारी फिर सामने खड़े हो गए। हंगामा करने लगे कि एसडीएम के खिलाफ मुकदमा लिखकर गिरफ्तारी की जाए तभी शव ले जाने दिया जाएगा। पता चला तो वहां डीएम नितिन बंसल और एसपी सतपाल अंतिल पहुंचे और कर्मचारियों से बात की।