अमेरिका ने रूस से भारत को सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल सुरक्षा प्रणाली की आपूर्ति पर चिंता जताई है।
पेंटागन के एक अधिकारी ने कहा कि हालांकि इस सौदे पर अमेरिका क्या रुख अपनाए और इससे कैसे निपटे, इसे लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
एस-400 रूस की सबसे उन्नत लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली है।अमेरिका इसकी खरीदी बिक्री का हमेशा कड़ा विरोध करता है। इसे खरीदने वाले देशों पर वह पाबंदियां भी लगा सकता है।
भारतीय वायु सेना द्वारा रूस से इस अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली की आपूर्ति को लेकर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। रूस के सैन्य-तकनीकी सहयोग (FSMTC) के लिए संघीय सेवा के निदेशक दिमित्री शुगेव ने पिछले हफ्ते स्पुतनिक समाचार एजेंसी को बताया था कि मिसाइलों की डिलीवरी योजना के अनुसार चल रही है।
उधर, अमेरिकी रक्षा प्रतिष्ठान (पेंटागन) के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा है कि इस सिस्टम को लेकर हम हमारे रवैये को लेकर भारतीय साझेदार के साथ बहुत स्पष्ट है। भारत को एस-400 की पहली खेप मिलने पर अमेरिकी रक्षा विभाग किस हद तक चिंतित है?
किर्बी ने कहा कि अमेरिका को अभी यह तय करना है कि वह भारत व रूस के बीच इस लेनदेन से कैसे निपटे।
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से हम इस सिस्टम को लेकर चिंतित हैं, लेकिन मेरे पास मीडिया के लिए कोई अपडेट नहीं है। पिछले माह अमेरिकी विदेश उप मंत्री वेंडी शर्मन भारत आईं थी, तब उन्होंने कहा था कि एस-400 सिस्टम के इस्तेमाल का किसी भी देश का फैसला खतरनाक है और किसी के सुरक्षा हित में नहीं है।
माना जा रहा है कि भारत को इस रूसी मिसाइल सिस्टम के कुछ हिस्सों की आपूर्ति शुरू हो चुकी है और इसके सभी प्रमुख हिस्से भारत पहुंचने वाले हैं।