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4 साल में अब ग्रेजुएशन, मिलेगी ऑनर्स की डिग्री

भिलाई  8 स्वशासी महाविद्यालयों में अब बीए, बीएससी और बीकॉम का कोर्स तीन की जगह चार साल का होगा। अब छात्रों को ऑनर्स की डिग्री मिलेगी। नए कोर्स के तहत विद्यार्थियों को अब पुराने पैटर्न की जगह सेमेस्टर वाइज एग्जाम देना होगा। यह एग्जाम जून और दिसंबर में होंगे। इसमें दुर्ग का साइंस कॉलेज भी शामिल है। आयुक्त उच्च शिक्षा शारदा वर्मा सोमवार को इसकी तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक करेंगी।

जानकारी के मुताबिक साइंस कॉलेज में 1 अगस्त से चार वर्षीय बीए, बीकॉम और बीएससी ऑनर्स कोर्स शुरू हो रहा है। बताया जा रहा है कि नए पाठ्यक्रम के तहत हर साल के लिए अलग-अलग कोर्स तैयार किया गया है। इसमें विद्यार्थियों को मूल विषय के साथ ही जेनरिक कोर्स के तहत एनसीसी, एनएसएस, योग और स्पोर्ट्स में से भी कोई एक विषय लेना अनिवार्य होगा।

स्पेसिफिक कोर्स के तहत अंग्रेजी या हिंदी भाषा पढ़नी होगी। द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को स्पेसिफिक कोर्स में पर्यावरण पढ़ना होगा। बीएससी फाइनल ईयर के विद्यार्थियों को मैथ्स व साइंस सब्जेक्ट के मुताबिक वैदिक गणित, केमिकल एनालिसिस, और इलेक्ट्रॉनिक्स विषय भी पढ़ना होगा।

इन कॉलेजों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में  शुरू
नई शिक्षा नीति के पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य के 8 स्वशासी महाविद्यालयों का चयन किया गया है। उसमें दुर्ग संभाग से साइंस कॉलेज और दिग्विजय कॉलेज राजनांदगांव शामिल हैं। इसके अलावा 6 अन्य में रायपुर के 3, बिलासपुर के 2 और अंबिकापुर का एक कॉलेज शामिल है। इन महाविद्यालयों में सीटों की संख्या पहले की तरह ही रहेगी।

इस कोर्स को लागू करने का मुख्य उद्देश्य स्नातक करने वाले युवाओं को हुनरमंद बनाना है। ऑनर्स कोर्स पढ़कर निकलने के बाद विद्यार्थी को रोजगार की समस्या नहीं होगी। उनकी अंक सूचियों में सभी विषयों का उल्लेख होगा। उनकी पढ़ाई के आधार पर उन्हें क्रेडिट भी दिया जाएगा।

हर साल मिलेगा कोर्स सर्टिफिकेट
पुराने पैटर्न में कोर्स करने वाला विद्यार्थी यदि तीन साल का कोर्स करने से पहले पढ़ाई छोड़ दे तो उसे डिग्री नहीं मिलती थी। ऑनर्स कोर्स में ऐसा नहीं होगा। नए नियम के तहत प्रथम वर्ष की पढ़ाई करने पर विद्यार्थी को सर्टिफिकेट इन बीए, बीकॉम या बीएससी, सेकंड ईयर में डिप्लोमा और तीसरे साल में में डिग्री का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। चौथे साल कोर्स पूरा करने के बाद उसे ऑनर्स बीए, बीकॉम और बीएससी की डिग्री दी जाएगी।

पीएचडी करने के लिए पीजी की जरूरत नहीं  
कई छात्र छात्राओं का सपना होता है कि वो पीएचडी करके डॉक्टरेट की उपाधि हासिल करें। इसके लिए उन्हें पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री कोर्स करना पड़ता था। नए नियम के मुताबिक ऑनर्स करके निकलने वाले विद्यार्थी सीधे पीएचडी कर सकेंगे।

एक साल का कोर्स से मिलगी एमए की डिग्री
बीए, बीकॉम या बीएससी करने वाला विद्यार्थी चौथे साल यानि ऑनर्स कोर्स में तभी एडमिशन पाएगा जब वह पिछले तीन सालों का कोर्स कम से कम 75 प्रतिशत अंक के साथ पास होगा। इतना ही नहीं ऑनर्स कोर्स करने के बाद वह एक साल की पढ़ाई करके एमए, एमकॉम या एमएससी की डिग्री ले सकेगा। यदि वह एमए नहीं भी करता तब भी वह पीएचडी कोर्स करने के लिए पात्र होगा।

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