कोरबा एसईसीएल के कोयला खदानों में कोयला और कबाड़ की सरेआम लूट हो रही है। रात के अंधेरे में 40 से 50 चोर खदान और साइडिंग में दाखिल होते हैं। बिना रोकटोक के कोयला और कबाड़ पार कर बाहर निकाले जाते हैं।
सुराकछार कोयला खदान के रेलवे साइडिंग से कोयला चोरी की तस्वीर सामने आई है। जहां 40 से अधिक चोर नजर आ रहे हैं। कोरबा जिला कोयलांचल के नाम से जाना जाता है। यहां एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान संचालित है।
जहां कोयले का ताबड़तोड़ उत्पादन होता है, लेकिन काले हीरे की सुरक्षा भगवान भरोसे है। कुसमुंडा, गेवरा और दीपका खदान से प्रतिदिन सैकड़ों टन कोयला पार हो रहा है।
कबाड़ और डीजल की चोरी भी धड़ल्ले से हो रही है। बांकीमोंगरा थाना इलाके के सुराकछार कोयला खदान के रेलवे साइडिंग की है। इस इलाके में कोयला और कबाड़ तस्कर का बड़ा गिरोह सक्रिय है।
गिरोह पर नकेल कसने एसईसीएल की सिक्योरिटी पूरी तरह फेल है। हालांकि शिकायत मिलने पर पुलिस समय-समय पर कार्रवाई जरूर करती है।
विभिन्न खदानों से हर रोज हजारों टन कोयला पार होता है। तस्करों द्वारा स्थानीय लोगों की मदद से कोयला और कबाड़ चोरी किया जाता है। बोरी में भरकर कोयला बाहर निकाला जाता है।
मगर अब तक इन आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए एसईसीएल प्रबंधन द्वारा कोई ठोस इंतजाम नहीं किया गया है, जिसके चलते कंपनी को लाखों का नुकसान झेलना पड़ रहा है।