तीनों लोकों से न्यारी काशी की धरा पर मां गंगा को साक्षी मानकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 700 करोड़ की लागत से 33 महीने में तैयार हुआ श्री काशी विश्वनाथ धाम विश्व को समर्पित करेंगे।
दो दिवसीय प्रवास पर अपने संसदीय क्षेत्र पहुंच रहे पीएम काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव से अनुमति लेकर पतित पावनी गंगा का दर्शन व स्मरण करते हुए काशी विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे। काशी विश्वनाथ के अलौकिक परिसर के स्वागत में पूरी काशी शिव दीपावली की तैयारी में है।
अद्भुत संयोग में राजोपचार विधि से देश की सभी नदियों के जल से काशीपुराधिपति का अभिषेक कर पीएम मोदी मुख्य यजमान बनेंगे और षोड्षोपचार विधि से आदि विश्वेश्वर का पूजा अनुष्ठान करेंगे। देवाधिदेव महादेव के विस्तारित दरबार की पूजा अर्चना के बाद मंदिर चौक पर पीएम देशभर के प्रमुख संतों के साथ संवाद करेंगे। करोड़ों भक्तों के सपनों को साकार करने वाले गंगधार से गंगाधर के एकाकार के पावन पथ पर हाथों में गंगा जल लेकर पीएम मोदी महादेव के भक्त के रूप में गर्भगृह पहुंचेंगे।
प्रमुख संप्रदायों के संतों की मौजूदगी में महादेव का अनुष्ठान प्रारंभ होगा। करीब सवा घंटे तक गर्भगृह में पूजा अर्चना के बाद पीएम मोदी मंदिर चौक पर संतों और प्रबुद्धजनों की मौजूदगी में स्वर्ण शिखर को निहारते हुए आयोजित कार्यक्रम में स्थान ग्रहण करेंगे। यहां संतों से संवाद के बाद पीएम जलमार्ग से ही संत रविदास घाट से बरेका अतिथि गृह लौट जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर प्रांगण के अन्नक्षेत्र (भोगशाला) में धाम का निर्माण करने वाले श्रमिकों के साथ बाबा का प्रसाद ग्रहण करेंगे। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए साधारण भोजन पूड़ी, आलू-बैगन-साग-टमाटर, मटर-पनीर की सब्जी, गुलाब जामुन, गाजर का हलवा, पापड़, सलाद तैयार कराया जा रहा है। धाम के लोकार्पण के बाद आयोजन के साक्षी बने संत समाज भी बाबा के अन्नक्षेत्र का प्रसाद ग्रहण करेंगे।
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के फूड कोर्ट में बनारसी व्यंजन का स्वाद श्रद्धालुओं की जबान पर घुलेगा। गंगा दर्शन वीथिका के पास ही फूड कोर्ट तैयार किया गया है। यहां देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालु व पर्यटक गंगा का नजारा लेने के साथ-साथ बनारसी खानपान का भी रसास्वादन पाएंगे। पूरी दुनिया में अलग-अलग क्षेत्रों की अलग-अलग विशेषताएं होती हैं। मौसम, पर्यावरण और संस्कृति के अलावा यहां का खान-पान भी अलग होता है