



दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर मानव तस्करी के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए पिछले कुछ महीनों के दौरान इसपर पूरी तरह नकेल कस दिया है। मानव तस्करी के लिए कुख्यात रहे दक्षिण बंगाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात की गई एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिटों ने अपनी भूमिका का कारगर तरीके से निर्वहन करते हुए चालू वर्ष 2021 में बीते पांच महीनों जनवरी से मई के बीच अब तक मानव तस्करी की 24 कोशिशों को विफल करते हुए बड़ी सफलता हासिल की है।प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि टीम ने इन 24 मामलों में कुल 27 पीड़िताओं (बांग्लादेशी महिलाओं) को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया है। साथ ही इस दौरान उनके साथ 24 मानव तस्कर दलालों को भी गिरफ्तार किया है, जो इन महिलाओं को अवैध तरीके से अंतरराष्ट्रीय सीमा आर- पार करने की कोशिश कर रहे थे।




उन्होंने बताया कि तस्करों से मुक्त कराई गई पीड़िताओं में 23 महिलाएं/युवतियां एवं चार नाबालिग लड़कियां भी शामिल हैं, जिनका जीवन तबाह होने से बीएसएफ ने बचा लिया।बीएसएफ डीआइजी ने बताया कि ज्यादातर मामलों में यह देखने में आया है कि मानव तस्करी के गिरोह में शामिल दलालों द्वारा भोली-भाली गरीब महिलाओं को भारत में अच्छी नौकरी जैसे ब्यूटी पार्लर, वार डांसर, जिम में हेल्पर, मसाज पार्लर, वेटर का काम, घर में नौकरानी इत्यादि के काम का झांसा देकर अवैध तरीके से सीमा पार करा कर यहां लाया जाता है और फिर कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में इनको देह व्यापार के अमानवीय धंधे में झोंक दिया जाता है। दलाल उनका फायदा उठाते हैं।एक बार इस दलदल में फंसने के बाद इन महिलाओं व लड़कियों का जीवन तबाह हो जाता है। गुलेरिया ने कहा कि सीमा पर मानव तस्करी को रोकने के लिए बीएसएफ इन दिनों बेहद कड़े कदम उठा रही है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सभी एनजीओ, पुलिस स्टेशनों, सरकारी एजेंसियों तथा मानव तस्करी के विरूद्ध कार्यवाही में काम कर रही संस्थाओं से आग्रह किया कि वह सभी साथ मिलकर इस प्रकार के मानवता को शर्मसार करने वाले घिनौने अपराध को खत्म करने में सहयोग करें। इस कार्य में स्थानीय गैर सरकारी संस्थाओं की भी मदद ली जा रही हैं।
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