भोपाल मध्य प्रदेश राजधानी भोपाल के ऐशबाग और करोंद इलाकों से आतंकरोधी दस्ते (एटीएस) की टीम ने रविवार तड़के तीन बजे बांग्लादेश के प्रतिबंधित और सक्रिय आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चार आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनसे विस्फोट बनाने वाले औजार व एक दर्जन से अधिक लैपटाप सहित बड़ी मात्रा में जिहादी पर्चे एवं संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं। इस आतंकी संगठन ने 2005 में बांग्लादेश के 50 शहर-कस्बों में 500 जगह बम विस्फोट किए थे। साथ ही बांग्लादेश में बड़े स्तर पर नरसंहार भी किया था। 2014 में पश्चिम बंगाल केवर्धमान एवं 2018 में गया में बम ब्लास्ट किए थे। 2019 से यह संगठन प्रतिबंधित है। चारों आतंकवादी बांग्लादेश के हैं।
गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि जेएमबी के चारों आतंकियों से एटीएस पूछताछ कर रही है। यह आतंकी संगठन देश में प्रतिबंधित है। गिरफ्तार आतंकियों में फजहर अली उर्फ महमूद (32), मोहम्मद अकील (24), जहरुद्दीन उर्फ इब्राहिम उर्फ मिलोन पठान उर्फ जौहर अली (28) और फजहर जैनुल आबदिल उर्फ अकरम अल हसन शामिल हैं। इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले की जानकारी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से ली।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की सूचना पर बेहद गोपनीय ढंग से की गई, इस कार्रवाई की भनक रविवार दोपहर तक स्थानीय पुलिस को भी नहीं थी। एटीएस ने संदिग्धों को अज्ञात स्थान पर ले जाकर पूछताछ की। एटीएस के साथ आइबी व एनआइए भी जांच में जुट गई हैं। जांचकर्ता अधिकारियों के अनुसार जेएमबी देश के विभिन्न् हिस्सों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहा है।
छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित टिकरापारा इलाके से भी एक आतंकी के पकड़े जाने की खबर है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। सूत्र बताते हैं पकड़े गए युवक का संपर्क अहमदाबाद और भोपाल में पकड़े गए आतंकियों से है। जानकारी के अनुसार जेएमबी के आतंकी जल्द ही किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में थे। आतंकियों के मंसूबे की भनक एनआइए को लग चुकी थी। जिसके बाद ही यह कार्रवाई की गयी है।
गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश के गिरफ्तार किए गए चारों आतंकियों से एटीएस द्वारा पूछताछ की जा रही है। यह आतंकी संगठन भारत में प्रतिबंधित है। भारत में कई स्थानों पर हुए बम विस्फोटों में यह आतंकी संगठन शामिल रहा है।
छह महीने पहले शहर में आए आतंकी
ये आतंकी छह महीने पहले भोपाल में आए थे और गोपनीय तरीके से अपनी गतिविधियां चला रहे थे। कार्रवाई के बाद ऐशबाग स्थित मकान की बुजुर्ग मालकिन नायाब जहां ने बताया कि संदिग्ध युवक तीन महीने से इस कमरे में रह रहे थे। वे घर से यदा-कदा ही बाहर निकलते थे। दोनों ने न तो कोई पहचान पत्र उपलब्ध कराया था और न ही वे किसी से बातचीत करते थे।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पूरी कार्रवाई एनआइए के साथ ही मिलकर की गई है, लेकिन गिरफ्तारी व अन्य प्रक्रिया अभी एटीएस के माध्यम से पूरी कराई जा रही है। इसके बाद मामला एनआइए को सौंप दिया जाएगा।
तीन दरवाजे तोड़े, छत के रास्ते कार्रवाई को दिया अंजाम
एटीएस टीम ने ऐशबाग व करौंद में एक साथ, एक समय पर ही कार्रवाई की। ऐशबाग थाने से आधा किलोमीटर दूर फातिमा मस्जिद के पास की गली में भारी पुलिस बल तड़के पहुंचा। एटीएस व स्पेशल फोर्स के कमांडो छत के रास्ते मकान में घुसे और एक के बाद एक तीन कमरों के दरवाजों को तोड़ते हुए दो कमरों के फ्लैट के अंदर पहुंचे।
दस्ते ने यहां सो रहे दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया। वहां एटीएस को 12 से अधिक लैपटाप सहित लगभग 15 बोरों में रखा जिहादी साहित्य मिला। कमरों में लोहे के औजार, संदिग्ध वस्तुएं और आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई। दूसरे दल ने करोंद में दो अन्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जबकि जनता क्वार्टर से हिरासत में लिए गए एक अन्य की पुष्टि नहीं की गई है।
खुफिया एजेंसी को इस बात की सूचना मिली थी कि आतंकियों ने अपने छिपने का ठिकाना भोपाल में बनाया है। इसके बाद जांच कर एजेंसी इन तक पहुंच गई और इन्हें गिरफ्तार कर लिया। इनकी निशानदेही पर भोपाल के बाहर करौंद क्षेत्र के एक घर में भी छापा मारे जाने की बात सामने आ रही है।
शांति का टापू कहे जाने वाले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से आतंकियों का मिलना बड़ी बात मानी जा रही है। यह पहले भी सामने आ चुका है कि आतंकी ऐसे इलाकों को अपना ठिकाना बनाते हैं, जहां का इलाका बहुत शांत हो। इसके पहले मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन के पास महिदपुर और उन्हेंल इलाके से भी सिमी आतंकियों के तार जुड़े थे। इंदौर के करीब जंगल में सिमी आतंकी हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेते थे।