रायपुर छत्तीसगढ़ महिला बाल विकास विभाग की ओर से जारी महिला पर्यवेक्षकों (सुपरवाइजर) की चयनित सूची को लेकर नया विवाद खड़े हो गया है। 6 दिन के भीतर ही 2 चयनित सूची जारी होने से उम्मीदवारों ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। विभाग में 200 खाली पदों के लिए खुली सीधी और परिसीमित सीधी भर्ती के लिए छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने 23 जनवरी को परीक्षा ली थी।
इसमें 2.34 लाख से ज्यादा महिला उम्मीदवार शामिल हुए थे। परीक्षा के नतीजे जारी होने के बाद व्यापमं की ओर से मिली मेरिट लिस्ट के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग ने 4 मई को पहली चयनित सूची जारी की। इसमें खुली सीधी भर्ती में 96 और परिसीमित सीधी भर्ती में 81 महिलाओं के नाम तय किए गए।
15 दिनों के भीतर चयनित उम्मीदवारों को अपने-अपने जिलों में पदभार ग्रहण करना था। लेकिन 6 दिन बाद ही फिर से नई सूची जारी कर दी गई। इस बार की सूची में सीधी भर्ती में 90 और परिसीमित भर्ती में 75 नाम जारी किए गए। यानी पहली सूची के आधार पर दोनों लिस्ट से 12 उम्मीदवारों के नाम कम कर दिए गए। बताया जा रहा है कि इन उम्मीदवारों ने पदभार ग्रहण भी कर लिया था। अब इन लोगों से कहा जा रहा है कि वे नई सूची का इंतजार करें, उनका नियुक्ति अभी वैधानिक नहीं मानी जाएगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों का कहना है कि छत्तीसगढ़ व्यापमं की ओर से पहले बिना कैटेगरी वाइज यानी आरक्षित सीटों के नतीजे बिना ही सूची दे दी गई थी। इसी सूची के आधार पर चयनित उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए गए। लेकिन बाद में अफसरों को अपनी गलती का एहसास हुआ तो दोबारा व्यापमं से आरक्षित वाइज मेरिट सूची मांगी गई।
इसलिए पहली लिस्ट निरस्त कर दूसरी नई सूची जारी की गई। अफसरों का यह भी कहना है कि जिन लोगों के नाम कटे हैं उन्हें नियुक्ति नहीं दी जाएगी। दस्तावेजों के परीक्षण के बाद उनका भी नंबर आ ही जाएगा।
अनिवार्य नियम
छत्तीसगढ़ महिला बाल विकास विभाग में भर्ती के लिए केवल वही महिलाएं आवेदन कर सकती थी जो छत्तीसगढ़ की मूल निवासी हों। नियमानुसार आरक्षित श्रेणियों और दिव्यांगजनों के लिए भी पद आरक्षित किए गए थे। खुली सीधी भर्ती में किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक या समकक्ष डिग्री रखने वाली महिलाएं आवेदन कर सकती थी।
परिसीमित सीधी भर्ती के लिए वहीं महिलाएं आवेदन कर सकती थी जो विभाग में लगातार 10 साल से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही हैं। बताया जा रहा है कि पहली सूची जारी करने में इन नियमों का भी ध्यान नहीं रखा गया था।
व्यापमं ने पहले कैटेगरी वाइज लिस्ट नहीं दी थी, उसे बाद में दी। इसलिए दूसरी बार नई सूची जारी करनी पड़ी। अभी किसी भी उम्मीदवार की ज्वाइनिंग नहीं दी गई है। 20 मई तक दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा। जो नाम कटे हैं ऐसा नहीं है कि वे चयनित सूची से पूरी तरह से बाहर हो गए हैं। –दिव्या उमेश मिश्रा, संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग