बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोटाले के पांचवें और आखरी मामले में पांच साल की सजा सुनाई गई है। रांची की स्पेशल सीबीआई कोर्ट के जज एसके शशि ने यह फैसला सुनाया है।
लालू यादव पर 60 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह मामला डोरंडा कोषागार से 139.5 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का है। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 15 फरवरी को लालू यादव समेत 75 आरोपियों को 15 फरवरी को दोषी करार दिया गया था और 24 को रिहा कर दिया गया था। इनमें से 36 को तीन-तीन साल की सजा मुकर्रर की जा चुकी है।
950 करोड़ रुपये का चारा घोटाला अविभाजित बिहार के विभिन्न जिलों में सरकारी खजाने से धोखाधड़ी करके सार्वजनिक धन की निकासी से संबंधित है। चारा घोटाला जनवरी 1996 में पशुपालन विभाग में छापेमारी के बाद सामने आया। सीबीआई ने जून 1997 में लालू यादव को एक आरोपी के रूप में नामित किया। सीबीआई ने लालू यादव और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ आरोप तय किए।
सोमवार को सुनाई गई सजा से पहले 74 वर्षीय लालू यादव को इससे पहले भी इसी घोटाले के चार अन्य मामलों में सजा मिल चुकी है। इन सभी सजाओं को जोड़ने पर चारा घोटाला के चार मामलों (दुमका, देवघर और चाईबासा) में लालू को कुल साढ़े 27 साल की सजा हो चुकी है। पांचवें मामले की पांच साल की सजा जोड़ दें तो अब तक उन्हें कुल सजा साढ़े 32 साल की सुनाई जा चुकी है।