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सुरक्षबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, 25 लाख के इनामी ललिता और शंकर राव सहित 29 नक्सली मारे गए

कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के थाना छोटेबेटिया क्षेत्रांतर्गत बिनागुंडा एवं कोरोनार के मध्य हापाटोला के जंगल में डीआरजी एवं बीएसएफ की संयुक्त पार्टी और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 29 नक्सली ढेर हो गए हैं। मुठभेड़, मंगलवार को दोपहर डेढ़ बजे से लेकर शाम लगभग चार बजे तक चली। जवानों ने मारे गए सभी 29 नक्सलियों के शव बरामद कर लिए हैं।

मारे गए नक्सलियों में 25-25 लाख रुपये के इनामी नक्सलियों के टाप कमांडर शंकर राव और महिला नक्सली ललिता के साथ राजू भी शामिल हैं। शेष अन्य शवों की पहचान की जा रही है। मुठभेड़ में बीएसएफ के इंस्पेक्टर सहित तीन जवान घायल हुए हैं। इन्हें एयरलिफ्ट कर रायपुर लाया जा रहा है। मृत नक्सलियों के शवों के पास से सात एके 47 और तीन एलएमजी हथियार और इंसास रायफल की बरामदगी की गई है।

बीएसएफ के इंस्पेक्टर समेत दो जवान घायल

मुठभेड़ में बीएसएफ के इंस्पेक्टर समेत दो जवान घायल हो गए हैं। इंस्पेक्टर रमेश चंद्र चौधरी के पैर में गोली लगी है, जबकि डीआरजी जवान सूर्यकांत श्रीमाली सहित एक अन्य जवान घायला है। घायल जवानों को रायपुर के देवेंद्र नगर स्थित नारायणा अस्पताल रेफर किया गया है। जवानों ने 29 नक्सलियों के शव बरामद कर लिए हैं। कांकेर जिले के एसपी आईके एलेसेला ने जानकारी देते हुए कहा कि छोटे बेठिया थाना क्षेत्र के जंगलों में मुठभेड़ चल रही है।

मुठभेड में कई नक्सलियों के मारे जाने और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं। क्षेत्र में सर्चिंग अभियान जारी है। मुठभेड़ में तीन जवान घायल हो गए हैं। घायल जवानों की स्थिति सामान्य और खतरे से बाहर है। घायल जवानों को बेहतर उपचार के लिए आवश्यक इंतजाम किया जा रहा है।

कांकेर में कब-कब हुआ मुठभेड़

– इससे पहले, 25 फरवरी को हूरतराई के जंगल में नक्सली एनकाउंटर में तीन नक्सली मारे गए थे।

– तीन मार्च को छोटे बेठिया के हिदूर में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया था। जबकि एक बस्तर फाइटर का जवान बलिदान हुआ था।

– 16 मार्च को भी मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया था।

– 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान भी नक्सली हमला हुआ था, जिसमें दो बीएसएफ जवान बलिदान हुए थे।

बीजापुर में 10 दिन पहले 13 नक्सली हुए थे ढेर

बीजापुर जिले के कोरचोली और लेंड्रा के जंगल में हुए मुठभेड़ में पुलिस ने 13 नक्सलियों को मार गिराया था। यही नहीं लगभग इतनी ही संख्या में नक्सली बुरी तरह से घायल भी हुए थे। गंगालूर थाना क्षेत्र के लेंड्रा में दो अप्रैल को हुए मुठभेड़ में 13 में से 11 नक्सली की पहचान हुई थी। इसमें पीएलजीएस कंपनी दो के सुखराम हेमला, हूंगा परसी, लक्खू कोरसा, डिवीसीएम सीतक्का (जितरू , डीवीसी की पत्नी), दुला कुहराम, सोनू अवलम, सुदरू हेमला, चैतु पोटाम, लच्छू कड़ती, लक्ष्मी ताती व कमली कुंजाम के रूप में हुई थी।

हाल ही में हुई थी उच्च स्तरीय बैठक

छह दिन पूर्व दो दिवसीय दौरे पर गृहसचिव अजय कुमार भल्ला और आइबी के डायरेक्टर तपन कुमार डेका पहुंचे थे। उन्होंने बैठक ली। बैठक में 10 राज्यों के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी भी आनलाइन शामिल हुए। साथ ही बैठक में शांतिपूर्ण लोकसभा चुनाव और नक्सल इलाकों में रणनीति को लेकर चर्चा की गई है। वहीं इंटेलिजेंस ब्यूरो के इनपुट के आधार पर नक्सल मोर्चो में आगे कई खुफिया आपरेशन की रणनीति बनाई गई। साथ ही खुफिया सूचना पर कश्मीर की तरह टारगेट बेस आपरेशन लांच करने पर बात की गई थी। कांकेर में मुठभेड़ का असर सीधे तौर पर दिख रहा है।

डीआईजी इंटेलिजेंस आलोक कुमार सिंह ने बताया की काफी दिनों से नक्सल कमांडर की इलेक्शन को लेकर का कांकेर की सिचवेशन को लेकर सेंट्रल कमेटी और सब जोनल कमेटी की कमांडर की मूवमेंट की खबर मिल रही थी इसके लिए पुलिस और बीएसएफ आपरेशन की तैयारी कर रहे थे उसी के तहत आज ऑपरेशन प्लान किया था आज हमारे पास बीएसएफ के पुख्ता जानकारी थी।

पुलिस ने भी कन्फर्म किया जिसके बाद हमने आपरेशन में बड़ी तादात में 185 के करीब एक जगह और 200 के करीब एक जगह नक्सली को ऑपरेट करा रहे थे और हमे और खबर मिली की शंकर राव और दूसरे सीनियर सेंट्रल कमांडर रामवेद की मौजूदगी की खबर मिली जिसके बाद खबर मिलते ही ऑपरेशन को लॉन्च किया और बीएसएफ की कमांडो प्लाटून जिसको लीड कर रहे थे रमेश चंद्र चौधरी जिनकी सबसे पहले नक्सलियों से मुठभेड़ हुई है।

बीएसएफ कमांडो प्लाटून जो पूर्व दिशा से नक्सलियों से अटैक किया जिसमे बड़ी संख्या में नक्सली घायल हुए नक्सलियों के पास कोई रास्ता नहीं बचा था। दूसरे नाले की तरफ से डीआरजी की टीम ने घेर रखा था जिसमे ये नक्सली मारे गए है। ये बहुत बड़ी ऐतिहासिक सफलता है खासकर के जनता के लिए जो प्रशासन ने आश्वासन दिया था शांतिपूर्ण चुनाव के लिए जनता को जो पुलिस और हमारी ओर से वोटिंग के लिए संदेश दे रहे थे। चुनाव से पहले ये कांकेर की जनता को बहुत बड़ा तोहफा है।

 

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