भिलाई निगम की नई परिषद को बने अभी दो महीने ही हुए है कि एक बड़ी अनियमितता सामने आ गई। दरअसल जलकार्य विभाग की सलाहकार समिति ने अमृत मिशन योजना के अधूरे काम को देखते हुए ठेका एजेंसी को भुगतान नहीं करने का प्रस्ताव पारित किया था।
पारित प्रस्ताव के 21 दिन बाद भिलाई निगम ने ठेका एजेंसी को चार करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया। अब इस मामले को लेकर खासा बवाल मच गया है।
बताया जा रहा है कि 17 फरवरी को जलकार्य विभाग के सलाहकार समिति की बैठक प्रभारी केशव चौबे की अध्यक्षता में हुई थी। बैठक में समिति के सदस्य निगम सभापति गिरवर बंटी साहू, के जगदीश कुमार, शुभम झा, इंजीनियर सलमान, अभिषेक मिश्रा, रामानंद मौर्य, भूपेंद्र यादव, विनोद चेलक, शकुंतला साहू तथा एन शैलजा उपस्थिति थी।
सबसे अहम बात यह है कि बैठक में जलकार्य विभाग के कार्यपालन अभियंता संजय शर्मा तथा उनकी टीम भी मौजूद थी।बैठक में अमृत मिशन योजना के कार्यों की समीक्षा हुई। समीक्षा में यह बात सामने आई है कि अमृत मिशन योजना का काम देख रही ठेका एजेंसी द्वारा अभी कई कामों को अधूरा छोड़ दिया गया है। इसलिए उसका भुगतान रोका जाए। भुगतान रोके जाने का प्रस्ताव सर्व सहमति से पारित हुआ था।
पारित प्रस्ताव को किया दरकिनार
जलकार्य विभाग की पुनः बैठक आहूत की गई थी। बैठक में जलकार्य विभाग द्वारा यह पता लगाया गया कि कहीं ठेका एजेंसी को भुगतान तो नहीं कर दिया गया। एकाउंट सेक्शन में जलकार्य विभाग के प्रभारी केशव चौबे को यह जानकारी मिली कि ठेकेदार को पांच दिन पूर्व चार करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है।
इस सूचना से गुस्साए जलकार्य विभाग सलाहकार समिति के सदस्य आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे के पास पहुंचे। आपत्ति दर्ज कराते हुए पूछा कि सलाहकार समिति की द्वारा भुगतान रोकने संबंधि पारित प्रस्ताव के बावजूद ठेका एजेंसी को भुगतान कैसे कर दिया गया। सलाहकार समिति के मुताबिक आयुक्त ने यह कहा कि जलकार्य विभाग के कार्यपालन अभियंता संजय शर्मा ने प्रस्ताव से संबंधित कोई जानकारी उन्हें नहीं दी।नए मामले को लेकर सत्ता पक्ष के पदाधिकारी व पार्षद आमने सामने आ गए हैं।
पार्षद स्पष्ट जवाब नहीं मिलने से नाराज है, सलाहकार समिति के औचित्य पर भी सवाल उठाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि जब सलाहकार समिति के प्रस्ताव को सीरे से खारीज करते हुए ठेका एजेंसी को भुगतान कर दिया गया तो सलाहकार समिति का क्या मतलब। इस मामले को लेकर प्रशासन से शिकायत की बात कही जा रही है।
केशव चौबे, प्रभारी जलकार्य विभाग
सलाहकार समिति की आपत्ति के बाद ठेका एजेंसी को भुगतान कर दिया गया। हमारे द्वारा संपूर्ण मामले की जांच तथा दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।ये पूरी तरह आर्थिक अपराध है। इसकी लिखित शिकायत थाने में कि जायेगी और इसकी जांच की मांग करेगें।ये भ्रष्टाचार का बढ़ावा है ये विपक्ष को धराधराया मुदृा मिल जायेगा।
संजय शर्मा, निगम भिलाई
ढाई -ढाई महीना पुराना बिल था। इसलिए ठेका एजेंसी को बिल भुगतान किया गया है। इसमें कुछ भी गलत नहीं हुआ है। जो भी हुआ उसमें पूरी पारदर्शिता बरती गई है।