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भारत ने आर्मेनिया तक हथियार पहुंचाने के लिए बनाया हवाई गलियारा

येरेवन: भारत और आर्मेनिया ने पिछले कुछ साल में रक्षा सहयोग को कई गुना बढ़ाया है। इसके तहत आर्मेनिया ने भारत के कई हथियारों की खरीद की है। इनमें स्वदेशी पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर, कल्याणी फोर्ज का 155मिमी तोप, आकाश एयर डिफेंस सिस्टम और एक एंटी ड्रोन सिस्टम भी शामिल है। अब इन हथियारों की आर्मेनिया को डिलीवरी भी शुरू हो गई है। लेकिन, तुर्की और अजरबैजान की बढ़ती धमकियों को देखते हुए भारत और आर्मेनिया ने इन हथियारों की डिलीवरी के लिए एक नया रास्ता ढूंढ निकाला है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CONCOR) के संयुक्त कार्य समूह HALCON ने आर्मेनिया को रणनीतिक कार्गो निर्यात के लिए एक नया हवाई गलियारा स्थापित किया है।

भारत को मिलेगी रणनीतिक बढ़त

रिपोर्ट में बताया गया है कि एचएएल में मिग कॉम्प्लेक्स के सीईओ साकेत चतुर्वेदी की अध्यक्षता में उड़ान का उद्घाटन किया है। इसे भारत के लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढांचे और रणनीतिक निर्यात क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। एचएएल और कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के बीच सहयोग वैश्विक बाजार में अवसरों को भुनाने के लिए भारत के प्रयासों का एक प्रतीक माना जा रहा है। खासकर आर्मेनिया जैसे रणनीतिक महत्व वाले देशों में ऐसे सहयोग से भारत को अच्छी-खासी बढ़त मिल सकती है। जैसे-जैसे भू-राजनीतिक हालात बदल रहे हैं, अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए नई-नई चुनौतियां पैदा हो रही हैं। ऐसे चुनौतियों से निपटने के लिए एक विश्वसनीय और कुशल लॉजिस्टिक समाधानों की मांग बढ़ रही है।

लॉजिस्टिक का बड़ा खिलाड़ी बनेगा भारत

रणनीतिक एयर कार्गो निर्यात को संभालने के बिजनेस में उतरकर HALCON का लक्ष्य खुद को भारत के लॉजिस्टिक्स परिदृश्य में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करना है। यह साझेदारी कंटेनर कार्गो परिवहन और लॉजिस्टिक मैनेजमेंट में कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की दक्षता के साथ-साथ एयरोस्पेस और रक्षा प्रौद्योगिकी में एचएएल की विशेषज्ञता का लाभ उठा सकती है। आर्मेनिया, यूरोप और एशिया के बीच एक रणनीतिक जगह पर स्थित होने के कारण भारतीय निर्यात के लिए एक आकर्षक बाजार हो सकता है। इससे आर्मेनिया की बढ़ती अर्थव्यवस्था और यूरोपीय बाजारों तक पहुंच स्थापित करके भारत भी लाभ कमा सकता है।

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