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रायपुर:   छत्तीसगढ़ में पिछले पौने चार साल में प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण का एक नया अध्याय जुड़ गया है। राज्य में नवगठित जिलों से विकास की नई रोशनी आएगी। लोगों तक विकास के लिए तैयार की गई योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचेगा ।

प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण जनआकांक्षाओं की पूर्ति के साथ-साथ पिछड़े और अविकसित क्षेत्र को भी विकास की बराबरी में आने का मौका मिलेगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और अधिक मजबूत करने तथा शासन-प्रशासन में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के साथ आम व्यक्ति तक योजनाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण का फैसला लिया।

फैसले के अमलीजामा होने से लोगों की जनभावनाओं की जहां पूर्ति हुई है, वहीं इन क्षेत्रों को विकास के रास्ते में आगे बढ़ने के लिए नया वातावरण मिला है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छह नये जिले, 19 अनुविभाग और 77 तहसील बनाया गया है।

इन जिलों में कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक पदस्थ किए जा चुके हैं। अन्य विभागों के जिला अधिकारियों की नियुक्ति हो चुकी है। नये जिले अस्तित्व में आने के बाद लोगों को राजस्व प्रशासन के साथ जिले में कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों को मिलना शुरू हो गया है।

भौगोलिक दृष्टि से देश का नवां बड़ा राज्य है। 1 नवम्बर 2000 कोे गठित इस राज्य में शुरू में 16 जिले थे। प्रशासनिक आवश्यकता को देखते हुए यहां वर्ष 2007 में 2 नए जिले नारायणपुर व बीजापुर का गठन किया गया।

इसी प्रकार 1 जनवरी 2012 को 9 नये जिले सुकमा, कोंडागांव, बालोद, बेमेतरा, बलौदाबाजार-भाटापारा, गरियाबंद, मुंगेली, सूरजपुर और बलरामपुर-रामानुजगंज बनाए गए।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में 10 फरवरी को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले का उद्घाटन किया गया। वर्ष 2022 में पांच और नए जिलेः- मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, सक्ती का शुभारंभ हुआ।

इसके अलावा 77 नये तहसील और 19 अनुविभाग बनाए गए हैं। वर्तमान में प्रदेश में 33 जिले, 108 अनुविभाग 227 तहसील कार्यशील हैं। इन सभी स्थानों पर तहसीलदारों, अनुविभागीय अधिकारियों की पदस्थापना भी हो चुकी है।

वर्ष 2019 में 3, वर्ष 2020 में 21 और वर्ष 2022 में 43 तहसील का गठन किया गया, जो अब पूर्ण रूप से कार्यशील हो गए हैं। कोरिया जिले में पटना, पोड़ी (बचरा), मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में चिरमिरी, केल्हारी, कोटाडोल, सूरजपुर जिले में लटोरी और बिहारपुर, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में रामचंद्रपुर, सामरी, चांदो, रघुनाथनगर, डोरा कोचली, सरगुजा जिले में दरिमा, जशपुर जिले में सन्ना, बिलासपुर जिले में सकरी, रतनपुर, बेलगहना, सीपत, बोदरी, बेलतरा, कोरबा जिले में दर्री, हरदीबाजार,

बरपाली, अजगरबहार, पसान, दीपका, मुंगेली जिले में लालपुर थाना, जरहागांव, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में सकोला, रायगढ़ जिले में छाल मुकड़ेगा, जांजगीर चांपा जिले में शिवरीनारायण, सारागांव और बम्हनीडीह, सक्ती जिले में बाराद्वार, अड़भार, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में सरिया और भटगांव, रायपुर जिले में खरोरा, गोबरा नवापारा, मंदिर हसौद और धरसींवा को तहसील बनाया गया है।

इसी प्रकार बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में लवन, सुहेला, सोनाखान, टुण्डरा, महासमुंद जिले में कोमाखान, धमतरी जिले में भखारा, कुकरेल, बेलरगांव, गरियाबंद जिले में अमलीपदर, दुर्ग जिले में बोरी, भिलाई-3, अहिवारा, बेमेतरा जिले में नांदघाट, देवकर, भिंभौरी, बालोद जिले में अर्जुन्दा, मार्री बंगला, राजनांदगांव जिले में लालबहादुर, मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले में औंधी, खड़गांव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में गंडई, साल्हेवारा, कबीरधाम जिले में रेंगाखारकला.

बस्तर जिले में नानगुर, भानपुरी, कांकेर जिले में सरोना, सुकमा जिले में गादीरास, तोंगपाल, नारायणपुर जिले में छोटेडोंगर, कोहकामेटा, कोण्डागांव जिले में धनोरा, मर्दापाल, बीजापुर जिले में कुटरू, गंगालूर, दंतेवाड़ा जिले में बारसूर को तहसील बनाया गया है।

 

 

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