प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे देश में बैंकिंग और बीमा क्षेत्रों के लिए अब भी काफी अवसर हैं। इसे ध्यान में रखते हुए हमने बजट 2021 में कई कदम उठाए हैं, जैसे- दो पीएसबी का निजीकरण, बीमा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाकर 74 फीसदी करना या एलआईसी का आईपीओ लाना। मोदी ने वित्तीय क्षेत्र से संबंधित बजट प्रस्तावों पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘देश की वित्तीय व्यवस्था अगर किसी एक बात पर टिकी हुई है तो वो है- विश्वास। विश्वास अपनी कमाई की सुरक्षा का। विश्वास निवेश के फलने फूलने का। विश्वास देश के विकास का। देश के फाइनेंशियल सेक्टर को लेकर सरकार का विजन बिल्कुल साफ है। देश में कोई भी जमाकर्ता हो या कोई भी निवेशक, दोनों ही विश्वास और पारदर्शिता अनुभव करें, ये हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।’ आत्मनिर्भर भारत सिर्फ बड़े उद्योगों या बड़े शहरों से नहीं बनेगा। आत्मनिर्भर भारत छोटे-छोटे शहरों के, गांवों के लोगों के परिश्रम से बनेगा। आत्मनिर्भर भारत किसानों से, कृषि उत्पादों को बेहतर बनाने वाली इकाइयों से बनेगा। हम निजी उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
हालांकि, देश को बैंकिंग और बीमा में सार्वजनिक क्षेत्र की प्रभावी भागीदारी की आवश्यकता है। कोविड-19 महामारी के दौरान एमएसएमई के लिए विशेष योजनाएं बनाई गईं। इन योजनाओं के तहत, लगभग 90 लाख उद्यमों को 2.4 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है।
छोटे उद्यमियों के मिला 15 लाख करोड़ रुपये का ऋण
मुद्रा योजना से ही बीते सालों में करीब 15 लाख करोड़ रुपये का ऋण छोटे उद्यमियों तक पहुंचा है। इसमें भी लगभग 70 फीसदी महिलाएं हैं और 50 फीसदी से ज्यादा दलित, वंचित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के उद्यमी हैं। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास इसका मंत्र फाइनेंशल सेक्टर पर स्पष्ट दिख रहा है। आज गरीब हो, किसान हो, पशुपालक हो, मछुआरे हो, छोटे दुकानदार हो सबके लिए क्रेडिट एक्सेस हो पाया है।