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कहां है कालेधन का ‘कुबेर’? 196 करोड़ रुपये की नकदी और 23 किलो सोना, सबको कर दिया था हैरान

लखनऊः कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन का नाम दो साल पहले एक बड़े आयकर छापे में सामने आया था, जिसमें उनके घर और दुकानों से 196 करोड़ रुपये की नकदी और 23 किलो सोना जब्त किया गया था। इसके बाद उन्हें जेल भेजा गया था, जहां उन्होंने 8 महीने बिताए। अब वो जमानत पर बाहर हैं और अपने कारोबार को फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन उनके पीछे अभी भी जीएसटी इंटेलीजेंस की टीम लगी हुई है, जो उनके सोने के स्रोत का पता लगाने की कोशिश कर रही है। आइए जानते हैं कि पीयूष जैन कौन है और उनका कालेधन कैसे खुला।

पीयूष जैन का परिचय

पीयूष जैन का जन्म कानपुर के आनंदपुरी में हुआ था। उनके पिता रामचंद्र जैन एक इत्र कारोबारी थे, जिन्होंने अपनी दुकान ‘श्री रामचंद्र परफ्यूमरी’ का शुभारंभ किया था। पीयूष जैन ने अपनी पढ़ाई कानपुर के एक स्कूल से की और बाद में एक इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया। लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ दी और अपने पिता के कारोबार में शामिल हो गए। उन्होंने अपने पिता के साथ मिलकर इत्र का कारोबार बढ़ाया और उनकी दुकान को एक ब्रांड बनाया। उन्होंने अपने इत्र को देश-विदेश में बेचना शुरू किया और उनकी आमदनी में तेजी से इजाफा हुआ।

पीयूष जैन का कालेधन

पीयूष जैन का कालेधन का पर्दाफाश 2019 में हुआ, जब आयकर विभाग ने उनके घर और दुकानों पर छापे मारे। इस दौरान उनके घर से 196 करोड़ रुपये की नकदी और 23 किलो सोना जब्त किया गया। इसके अलावा, उनके बैंक खातों से भी 80 करोड़ रुपये की राशि जमा की गई। आयकर विभाग ने बताया कि पीयूष जैन ने अपने इत्र के कारोबार पर जीएसटी नहीं भरा था और उनकी आय का अधिकांश हिस्सा काले धन में बदल दिया था। उन्होंने अपनी संपत्ति को अपने परिवार के सदस्यों और कर्मचारियों के नाम पर लिखवाया था। उन्होंने अपने इत्र को बिना बिल के बेचा था और उनके ग्राहकों में कई बड़े नेता और व्यवसायी थे।

पीयूष जैन का वर्तमान

पीयूष जैन को 2019 में जेल भेजा गया था, जहां उन्होंने 8 महीने बिताए। 2020 में उन्हें जमानत मिली थी, लेकिन उनके खिलाफ कई मामले अभी भी चल रहे हैं। उन्होंने अपने सोने पर अपना दावा छोड़ दिया है और उन्होंने कोर्ट में राहत के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया है। उन्होंने जेल में पूछताछ में बताया था कि उन्होंने बिना जीएसटी अदा किए कैलाश नाम के व्यक्ति से सोना खरीदा था

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