भिलाई उतई स्थित केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में सिपाही भर्ती परीक्षा घोटाले के मामले में शुक्रवार को पुलिस ने खुलासा किया कि गिरोह का मास्टरमाइंड एमपी पुलिस का सिपाही डीएस तोमर है।
पता चला है कि वह भिंड में पदस्थ है और उसी ने पूरी प्लानिंग करते हुए परीक्षा के लिए आवेदन जमा करने, रिटर्न परीक्षा देने और फिजिकल परीक्षा के लिए दलाल दुर्गेश तोमर और हरिओम दत्त को हायर किया था।
रिटर्न परीक्षा रायपुर के दो अलग-अलग सेंटरों में नवंबर और दिसंबर में हुई थी। अभ्यर्थियों के स्थान पर एक अन्य युवक ने ही चार अलग-अलग तारीखों पर परीक्षा दी। पुलिस ने कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के इन सभी सेंटर से संपर्क करके रिटर्न एग्जाम की डिटेल, फोटो और वीडियो मांगा है।
दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि फिजिकल परीक्षा के लिए आगरा से चार युवक चंद्रशेखर, श्यामवीर, महेंद्र और अजीत को दुर्गेश तोमर लेकर आया था। फिजिकल परीक्षा के लिए हरिओम ने चारों युवकों को पैसे दिए थे। दुर्गेश और हरिओम के मोबाइल डिटेल और पूछताछ से पता चला कि डीएस तोमर और दुर्गेश रिश्तेदार हैं।