काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सिखों के गुरुद्वारा कर्ते परवान पर भीषण आतंकी हमला इस हमले में कम से कम 2 लोग मारे गए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के आईएसकेपी धड़े ने ली है। आईएसकेपी ने कहा है कि सिखों पर यह हमला पैगंबर पर बीजेपी नेता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के दिए अपमानजनक बयान के जवाब में किया गया है। बताया जा रहा है कि हैंड ग्रेनेड और राइफलों से लैस आतंकी गुरुद्वारे के अंदर घुस गए और एक के बाद एक कम से कम 13 विस्फोट किए।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हमले की कड़ी निंदा की है और कहा कि हम पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। इस बीच अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने इस हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों पर शक जताया है। बताया जा रहा है कि सबसे पहले आतंकियों ने गुरुद्वारे के गेट पर विस्फोट किया।
इस दौरान गुरुद्वारे के अंदर 25 से 30 हिंदू और सिख शरण लिए हुए थे। इसके बाद आतंकी गुरुद्वारे के अंदर घुस गए और पूरे परिसर के अंदर जोरदार हमले शुरू कर दिए। इसी हमले में दो लोगों की मौत हो गई। एक सिख नागरिक सविंदर सिंह की मौत हो गई। आईएसकेपी ने हमले के बाद जश्न मनाने वाले संदेश जारी किए हैं।
इसमें कहा गया है कि सिख गुरुद्वारे पर हमला उसके सदस्यों ने पैगंबर पर नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के अपमानजनक बयान के जवाब में किया है। इस हमले में तालिबान के 3 सैनिक भी घायल हुए हैं। अफगान पत्रकार बिलाल सरवरी ने बताया कि हमलावरों ने दो तरफ से गुरुद्वारे के दो दरवाजों पर हमला किया। इससे पूरे गुरुद्वारे के अंदर आग लग गई। हमलावर हर तरफ हैंड ग्रेनेड फेंक रहे थे।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि 20 मिनट के अंदर कम से कम 13 विस्फोट हुए। इसके बाद जमकर गोलीबारी हुई। हमलावरों ने गुरुद्वारे के बाहर खड़ी एक कार को भी विस्फोटकों से उड़ा दिया। अफगानिस्तान में हाल के दिनों में सिखों के धर्मस्थलों पर यह पांचवां बड़ा हमला है। इनमें से ज्यादातर हमलों की जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली है।