छत्तीसगढ़ में मुसलमानों के खिलाफ कुछ ग्रामीणों का शपथ लेने का एक वीडियो वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है.पुलिस ने वायरल वीडियो की शिकायत मिलने पर मामले की जांच शुरू कर दी है.
दरअसल, 1 जनवरी को कुछ युवक पिकनिक मनाने लुंड्रा थाना क्षेत्र के एक गांव पहुंचे थे जहां उनका स्थानीय ग्रामीण युवक से विवाद हो गया.
इसके बाद आरोपी युवकों ने ग्रामीण और उसके परिजनों के साथ मारपीट की थी. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए 6 युवकों को गिरफ्तार किया था और कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया.
हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई और वे रिहा हो गए. आरोपियों की रिहाई से ग्रामीण नाराज़ थे.कुछ दिनों से एक के बाद एक सांप्रदायिक वीडियो वायरल हो रहे हैं। गुरुवार से ऐसा ही एक और वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोग एक समुदय विशेष के लोगों का समाजिक और व्यावसायिक बहिष्कार करने की शपथ लेते हुए नजर आ रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में जांच का आदेश दिया है और आरोपियों की तलाश कर रही दी है। पुलिस ने लोगों से ऐसी किसी सभा में शामिल ना होने की अपील भी की है।
वायरल वीडियो में एक सम्प्रदाय के द्वारा दूसरे सम्प्रदाय के लोगों का सामाजिक रूप से बहिष्कार करने और उनसे किसी तरह का कोई सरोकार नहीं रखने की बात की जा रही है। साथ ही उनसे कोई लेन-देन और खरीद-बिक्री नहीं करने और जाति पूछकर सामान खरीदने की शपथ दिलाई जा रही है।
लुंड्रा थाने के कुन्दीकला गांव का है। बुधवार को यहां एक महासभा बुलाई गई थी। महासभा में कुन्दी कला सहित दर्जन भर से ज्यादा गांव के लोग शामिल हुए थे। महासभा में पहले भाषणबाजी का दौर चला। इसके बाद महासभा में बैठे लोग एक साथ खड़े हुए और मुट्ठी बांधे एक हाथ को सामने रखकर शपथ ली। एक शख्स लाउडस्पीकर से शपथ के शब्दों को बोलता है। वहां मौजूद सैकड़ों लोग शपथ को दोहराते हैं।
सरगुजा के कलेक्टर संजीव झा ने बताया कि नए साल के जश्न के दौरान इसकी शुरुआत हुई थी। सरगुजा और बलरामपुर जिले के दो गांवों के लोगों के बीच झगड़े की सूचना मिली थी। मामूली कहासुनी के बाद पड़ोस के गांव के लोगों ने दूसरे गांव के रहवासियों की पिटाई कर दी। अब कुछ लोग इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश में लगे हैं। गुरुवार को पुलिस अधिकारी गांव में गए थे और लोगों से बातचीत की। पुलिस दोनों पक्षों के लोगों पर कार्रवाई कर रही है।