इस्लामाबाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के श्रीनगर से 155 किलोमीटर की दूरी पर गिलगित-बाल्टिस्तान में स्कार्दू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया है। स्कार्दू में हवाई अड्डा पहले सिर्फ घरेलू उड़ानों के लिए ही चालू था। पाकिस्तान ने दो दिसंबर को इसका दर्जा बढ़ाते हुए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित कर दिया था। पाकिस्तानी वायु सेना इस हवाई अड्डे को पहले से ही भारत के खिलाफ अग्रिम एयरबेस के तौर पर इस्तेमाल करती है। पाकिस्तान ने इस एयरबेस पर जेएफ-17 लड़ाकू विमानों की स्क्वाड्रन को भी तैनात किया हुआ है।
पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान के स्कार्दू में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाकर अपने दावे को मजबूत करना चाहता है। अभी तक दुनियाभर के कई देश स्कार्दू को विवादित क्षेत्र मानते हैं। यही कारण है कि भारत के कई मित्र देश इस क्षेत्र में अपने फ्लाइट का संचालन नहीं करते हैं। अब पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्कार्दू को अपने नक्शे मे शामिल करवाने के लिए हवाई अड्डे को जानबूझकर अपग्रेड करने का नाटक खेल रहा है।
1947 में देश के विभाजन के दौरान गिलगित-बाल्टिस्तान यह क्षेत्र न तो भारत का हिस्सा था और न ही पाकिस्तान का। 1935 में ब्रिटेन ने इस हिस्से को गिलगित एजेंसी को 60 साल के लिए लीज पर दिया था, लेकिन अंग्रेजों ने इस लीज को एक अगस्त 1947 को रद्द करके क्षेत्र को जम्मू एवं कश्मीर के महाराजा हरि सिंह को लौटा दिया।
भारत से युद्धविराम के बाद पाकिस्तान ने दिखावे के लिए पीओके में एक मुखौटा सरकार का गठन किया जिसका कंट्रोल पूरी तरह से पाकिस्तान के हाथ में था। तबतक गिलगित-बाल्टिस्तान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का हिस्सा माना जाता रहा। 28 अप्रैल 1949 को पीओके की मुखौटा सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान को सौंप दिया।
बता दें कि 2017 में ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी के तत्कालीन सांसद बॉब ब्लैकमैन की ओर से 23 मार्च को ब्रिटिश संसद में एक प्रस्ताव पेश किया गया। इसमें कहा गया कि गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा कर रखा है। उसे अपना कब्जा छोड़ना चाहिए।