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बीवी नागरत्ना भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस

सुप्रीम कोर्ट में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक साथ 9 जजों ने शपथ ली हो। मंगलवार को तीन महिला जजों समेत कुल 9 जजों को चीफ जस्टिस एनवी रमना ने सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ दिलाई। आपको बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक साथ तीन-तीन महिला जजों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के तौर पर हुई है। जिन तीन महिला जजों ने आज शपथ ली उनमें जस्टिस बीवी नागरत्ना के अलावा जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस हीमा कोहली का नाम शामिल है।

सुप्रीम कोर्ट में जज बनने से पहले जस्टिस नागरत्ना कर्नाटक हाई कोर्ट में जज थीं। जस्टिस नागरत्ना ने 1987 में कर्नाटक हाई कोर्ट में वकालत शुरू की। उन्होंने पूरे 23 साल तक वकालत की और उसके बाद बतौर जज भूमिका संभाली।

उन्हें 2008 में हाई कोर्ट में अडिशनल जज नियुक्त किया गया। उसके बाद फरवरी 2010 में जस्टिस नागरत्ना को हाई कोर्ट में स्थायी जज के तौर पर नियुक्त किया गया। जस्टिस बीवी नागरत्ना देश की पहली महिला चीफ जस्टिस बनेंगी। वरिष्ठता के हिसाब से सितंबर 2027 में वह भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस बनेंगी।

बीवी नागरत्ना का कार्यकाल महज 36 दिनों का रहेगा। यह सुप्रीम कोर्ट के 77 सालों के इतिहास में किसी चीफ जस्टिस का तीसरा सबसे छोटा कार्यकाल होगा। जस्टिस कमल नारायण सिंह ऐसे चीफ जस्टिस रहे जिनका कार्यकाल सबसे छोटा रहा। वह 25 नवंबर 1991 से 13 दिसंबर 1991 तक यानी महज 18 दिनों के लिए चीफ जस्टिस रहे। उनके बाद जस्टिस एस राजेंद्र बाबू का नंबर आता है जिन्होंने 2 मई 2004 से 31 मई 2004 तक सिर्फ 30 दिनों के लिए चीफ जस्टिस के तौर पर अपनी सेवा दी। अब जस्टिस नागरत्ना 36 दिनों के लिए चीफ जस्टिस बनेंगी जो तीसरा सबसे छोटा कार्यकाल होगा।

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