अरुणाचल प्रदेश में कथित तौर पर चीनी सेना पीएलए ने 17 साल के एक भारतीय युवक को बंदी बना लिया है. अरुणाचल प्रदेश के लोकसभा सांसद तपीर गाओ ने इसका दावा किया है.
सांसद तपीर गाओ ने कहा कि 17 वर्षीय मिराम तारन को मंगलवार को भारतीय क्षेत्र से पीएलए (चीनी सेना) ने बंदी बना लिया. अब इस मामले में सांसद ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
सांसद ने इस घटना को लेकर जानकारी देते हुए बताया है कि 18 जनवरी को अरुणाचल प्रदेश के के ऊपरी सियांग जिले में सियुंगला क्षेत्र में भारतीय सीमा के अंदर से युवक को चीनी सैनिक उठाकर ले गए हैं. सांसद के मुताबिक युवक का दोस्त पीएलए के चंगुल से भाग निकला और अधिकारियों को इसकी सूचना दी. तपीर गाओ ने भारत सरकार की सभी एजेंसियों से अनुरोध किया हैकि युवकी की जल्द रिहाई के लिए कदम उठाएं.
बता दें कि लुंगटा जोर वहीं भारतीय क्षेत्र है जहां चीन ने 2018 में भारत के अंदर 3-4 किलोमीटर सड़क का निर्माण कर लिया था. चीनी सैनिकों द्वारा अगवा किया गया युवक और उसका दोस्त दोनों स्थानीय शिकारी हैं और जिदो गांव के रहने वाले हैं. घटना उस स्थान के पास हुई जहां त्सांगपो नदी भारतीय क्षेत्र में (अरुणाचल प्रदेश) में प्रवेश करती है.त्सांगपो को अरुणाचल प्रदेश में सियांग और असम में ब्रह्मपुत्र नदी कहा जाता है.
गाओ ने यह भी कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक अवगत करा दिया है और उनसे इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय सेना को टैग किया है. सितंबर 2020 में भी PLA ने अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी जिले से पांच युवकों का अपहरण कर लिया था और लगभग एक सप्ताह के बाद उन्हें रिहा कर दिया था.