भारत में रूस के उप-राजदूत रोमन बाबुश्किन ने कहा है कि एस-400 मिसाइल इनकार किया है कि पिछले सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए जाने वाले सौदे या अन्य प्रमुख समझौते अमेरिकी प्रतिबंधों पर चिंताओं के कारण बाकी रह गए थे.
ऐसी अटकलें लगाईं जाने लगीं कि भारत सरकार ने यह फैसला लिया है कि लड़ाकू जेट और कम दूरी की मिसाइलों के सौदों को तब तक रोका जाएगा जब तक कि यह स्पष्ट न हो जाए कि अमेरिका S-400 मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी पर प्रतिबंध लगाएगा या नहीं.
बाबुश्किन ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के अलावा, बहुपक्षीय मुद्दों पर भारत-रूस सहयोग बढ़ा है. उन्होंने भारत द्वारा इस साल गुटनिरपेक्ष बैठक (NAM) में में एक पर्यवेक्षक देश बनने के लिए रूस का समर्थन करने और भारत को शंघाई सहयोग संगठन (SCO)में रूसी समर्थन का भी जिक्र किया.
रूसी राजनयिक ने भारत-रूस परमाणु सहयोग पर भी बात की. उन्होंने कहा कि छह रिएक्टरों वाली कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना या तो चालू है, निर्माणाधीन है, या शुरू होने वाली है, और रूसी सरकार दूसरी साइट पर छह वीवीईआर-1200 रिएक्टरों की एक नई परियोजना के लिए भारत सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है.