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वशिष्ठ नारायण मिश्रा ने चुनाव प्रचार छोड़ हादसे में घायल मरीज के लिए बनाया ग्रीन कॉरिडोर

भिलाई वशिष्ठ नारायण मिश्रा ने  मानवता की मिसाल पेश की है।  पार्षद चुनाव लड़ रहे हैं। इन सबको छोड़कर  उन्होंने एक सीनियर सिटीजंस की जान बचाने के लिए पांच घंटे तक कड़ी मशक्कत कर समन्वय बनाया और मरीज को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर रायपुर रेफर कराया।

 

मरीज 65 वर्षीय शैलेंद्र पांडेय हैं। आज दोपहर 3 बजे भिलाई निवास के पास हादसे का शिकार हो गए। सिर पर गंभीर चोटें आने की वजह से डॉक्टरों ने रायपुर रेफर करने को कहा। ऐसे में पूर्व सीनियर पार्षद और प्रत्याशी वशिष्ठ नारायण मिश्रा ने ग्रीन कॉरिडोर के लिए समन्वय किया। रात 8.05 बजे भिलाई सेक्टर-9 अस्पताल से रवाना हुए।

दोपहर 2 के आसपास पूर्व पार्षद वशिष्ठ नारायण मिश्रा के पास उनके मित्र सौरभ का फोन आया। सौरभ ने बताया कि, एक युवक भिलाई निवास के सामने बेहोश पड़ा हुआ है। पास में एक आई कार्ड पड़ा हुआ था, जिसमें लिखा था शैलेंद्र पांडेय

जानकारी हुई कि वह सेक्टर-2 का रहने वाला है। पूर्व बीएसपी कर्मी है। वशिष्ठ नारायण मिश्रा ने बिना देरी किए सौरभ को सेक्टर-9 अस्पताल ले जाने के लिए कहा। पीछे-पीछे खुद भी पहुंच गए। जबकि जिस वक्त सौरभ ने कॉल किया, तब वशिष्ठ नारायण मिश्रा बैठक ले रहे थे।  6 अलग-अलग सामाजिक संगठनों व समाज की बैठक लेनी थी। इन सबको छोड़कर वशिष्ठ ने जान बचाने के लिए सीधे सेक्टर-9 अस्पताल पहुंच गए।

जब सेक्टर-9 अस्पताल में इलाज शुरू करने की बारी आई तो वहां पता चला कि मरीज के सिर पर चोट लगने की वजह से न्यूरो सर्जन की सख्त जरूरत है। लेकिन अस्पताल में न्यूरो सर्जन नहीं होने की वजह से रायपुर के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था।

ऐसे में चुनौती थी कि आखिर कहां ले जाया जाए। पार्षद वशिष्ठ नारायण मिश्रा ने रायपुर में रामकृष्ण केयर अस्पताल में समन्वय किया और डॉक्टरों को रिपोर्ट भेजी गई। शाम 6 बजे तमाम चर्चा के बाद रायपुर रामकृष्ण अस्पताल से एंबुलेंस रवाना करने के लिए सहमति बनी।

पूर्व सीनियर पार्षद वशिष्ठ नारायण मिश्रा ने बताया कि  शहर में जाम की स्थिति है। चूंकि, चंद्रा-मौर्या चौक, पावर हाउस चौक को बंद किया गया है। निर्माणाधीन फ्लाईओवर में गर्डर लांचिंग की वजह से ये स्थिति बनी है। इसलिए जाम के हालात है। ऐसे में तय समय में अस्पताल पहुंचाने में मशक्कत होती। चूंकि, मरीज काफी गंभीर है।

इसलिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इसके लिए ट्रैफिक डीएसपी और अधिकारियों से चर्चा की गई। उन्होंने बिना देरी किए इस पुनित कार्य के लिए आगे आए। ग्रीन कॉरिडोर बन जाने से तय समय में रेफर कराने की प्रक्रिया हो पाई है।

वशिष्ठ नारायण मिश्रा की पहचान इन दिनों शहर में ग्रीन कॉरिडोर बनाने के लिए हो गई है। अब तक 4 महीने में ही 25 लोगों को तय समय पर अस्पताल पहुंचाने में बड़ी भूमिका वशिष्ठ नारायण मिश्रा ने निभाई है। पहल से कई लोगों की जान बची है।

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